साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 89 , शनिवार , 07/08/2021 ,

साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 89
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
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अंक - 80 , 81 , 82 , 83 , 84 , 85 , 86
के लिए रचनाएं व अन्य कलाओं सादर आमंत्रित -
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अंक - 89
7 अगस्त  2021
शनिवार
श्रावण कृष्ण 14
संवत 2078
पृष्ठ -   1
प्रमाण - पत्र -  8
कुल पृष्ठ -  9

सहयोगी रचनाकार  व साहित्य समाचार -

1.  आ. साहित्य एक नज़र 🌅
2.  आ. आज़ादी का अमृत महोत्सव ( Amrit Mahotasava ) 34 वीं बिहार बटालियन एनसीसी .
3. आ.  ज्योति सिन्हा जी
4. आ.  उषा कंसल जी बैंगलोर
5. आ. रीता मिश्रा तिवारी जी , भागलपुर बिहार
6. आ. रोशन कुमार झा
7. आ. डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल' जी
धामपुर,उत्तर प्रदेश  -
8. आ. सामाजिक परिवर्तन - डॉ. राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" जी
9. आ. साहित्य संगम संस्थान ने किया रामचरित काव्यामृत का आयोजन -  आ. राजेश पुरोहित जी ,भवानीमंडी
10. आ. असम इकाई की कार्यकारी अध्यक्षा की कलम से ........
11. आ. आर्यावर्ती सरोज आर्या जी

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆

173.आ. उषा कंसल  जी बैंगलोर , शनिवार , अंक - 89 , 07/08/2021

सम्मान पत्र - 147 -

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सम्मान पत्र - 1 - 80
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सम्मान पत्र - 79 - 146
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अंक - 70 - 75

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हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी - गुरुवार
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 89
Sahitya Ek Nazar
7 August ,  2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

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आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई













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कविता :- 20(78)
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अंक - 86

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कविता :- 20(79)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2079-05082021-88.html

अंक - 87

http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/87-05082021.html

https://imojo.in/1j5kq0h

https://online.fliphtml5.com/axiwx/sufw/

आ. ज्योति सिन्हा जी
https://imojo.in/1dXHibn

https://online.fliphtml5.com/axiwx/xddt/

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आ. अमित गुप्ता जी
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https://online.fliphtml5.com/axiwx/ufsi/

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कविता :- 20(80)
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अंक - 88

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अंक - 89

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कविता :- 20(81)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2081-07082021-89.html

कविता :- 20(82)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2082-08082021-90.html

अंक - 90
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/90-08082021.html

अंक - 91
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/91-09082021.html

कविता :- 20(83)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2083-09082021-91.html








मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html

सम्मान पत्र
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/079.html

सम्मान पत्र
प्रमाण पत्र संख्या - 146

http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-2-2021-146.html


विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3
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सम्मान पत्र - 1 - 80

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http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/36-15062021.html , अंक - 36

सम्मान पत्र - 79 - 145

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/079.html

सम्मान पत्र , प्रमाण पत्र संख्या - 146
अंक - 84 , महाकाल काव्य संग्रह
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, 02/08/2021 सोमवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-2-2021-146.html

दिनांक :- 29 जुलाई 2021 से 04 अगस्त 2021 तक
गुरुवार से बुधवार तक
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं व बिना मतलब के स्पेस ( अंतराल ) वाली रचनाओं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
शब्द सीमा - 300 - 350
सूचना - साहित्य एक नज़र 🌅 पत्रिका में प्रकाशित करवाने हेतु सहयोग राशि -
एक रचना 16 - 20 पंक्ति अन्य विधा शब्द सीमा - ( 300 - 350 )  -  15 रुपये
एक महीना में दस अंक में दस रचनाएं
प्रकाशित करवाये मात्र - 120 रुपये में
आप किसी को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी पत्रिका के माध्यम से दे सकते है ।

State Bank of India
Account Number :- 20357163357
IFSC code : SBIN0000144
Name :- Roshan Kumar Jha
सहयोग राशि जमा कर स्कीन शार्ट व रसीद 6290640716 पर भेजें ।

आपका अपना -
✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संपादक / संस्थापक
साहित्य एक नज़र 🌅
मधुबनी इकाई - মিথি LITERATURE ,
मिथि लिट्रेचर साप्ताहिक - मासिक पत्रिका ( मंगलवार ),
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका - मासिक पत्रिका )

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🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका की प्रस्तुति -

आज़ादी का अमृत महोत्सव ( Azadi Ka Amrut Mahotsav )

आयोजक - 34 वीं बिहार बटालियन एन.सी. सी
मधुबनी
ग्रुप - मुजफ्फरपुर , एनसीसी निदेशालय -
बिहार व झारखण्ड , पटना

रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी प्रांगण
06 अगस्त 2021 , शुक्रवार
( ललित नारायण मिथिला विश्‍वविद्यालय , दरभंगा )

तस्वीर ( फोटो ) प्रदाता :-
आदरणीय लेफ्टिनेंट डॉ . राहुल मनहर जी
ए.एन.ओ , एनएसएस जिला नोडल अधिकारी

संकलन कर्ता -

रोशन कुमार झा
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी
द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स , राष्ट्रीय सेवा योजना - स्वंयसेवक
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी , फोर्ट विलियम कोलकाता- बी , पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय, पंजीकृत संख्या :- WB17SDA112047
कम्पनी :- पांचवीं , नरसिंहा दत्त कॉलेज , हावड़ा , कलकत्ता विश्‍वविद्यालय
नरसिंहा दत्त कॉलेज , हावड़ा सेंट जॉन एम्बुलेंस , भारत स्काउट एवं गाइड , पूर्व रेलवे स्टेट , हावड़ा डिस्ट्रीक - बामनगाछी ग्रुप ।
Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
Sahitya Ek Nazar
07 August 2021 , Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
अंक - 89 ,  शनिवार , 07 अगस्त  2021
श्रावण कृष्ण 14 संवत 2078
पृष्ठ -   2 , कुल पृष्ठ -  6 , मूल्य - 20 रुपये

आज़ादी का अमृत महोत्सव ( Amrit Mahotasava ) भारत सरकार की एक पहल हैं जो प्रगतिशील भारत के स्वतंत्रता के 75 साल के  गौरवशील इतिहास , इसके लोगो और सांस्कृतिक उपलब्धियों को आयोजित करने के लिए हैं , इसी संदर्भ में एनसीसी निदेशालय बिहार व झारखण्ड , पटना के  34 वीं बिहार बटालियन एन सी सी मधुबनी के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन राम कृष्ण महाविद्यालय मधुबनी में शुक्रवार  6 अगस्त 2021 को किया गया, इस अवसर पर मधुबनी के फ़ौजी शौर्य चक्र विजेता श्री राम श्रेष्ठ तिवारी जी को सम्मानित किया गया । इस कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर राजेश नेगी जी , कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राम निवास जी  ,मधुबनी सदर एस डी एम अभिषेक रंजन जी ( IAS ) एवं लेफ्टिनेंट डॉ राहुल मनहर ने शौर्य चक्र विजेता श्री राम श्रेष्ठ तिवारी जी को सम्मानित किया । श्री राम श्रेष्ठ तिवारी जी कैडेटों के बीच अपने अनुभवों को बख़ूबी रूप से साझा किया ।

https://www.facebook.com/100007549718802/posts/2894937890767840/

माता शारदे को नमन
साहित्य एक नजर पत्रिका के लिए मैं अपनी एक कविता भेज रही हूं।

मेघों को आमंत्रण,

प्यासी अवनी ,जीर्ण शीर्ण तरु,
रुष्ट हो गए ,हमसे शचि पति,
आमंत्रण स्वीकार करो, घन
उमड़ घुमड़ कर, करो पदार्पण,
हरियाली का, एक-एक पात,
भूरा ,काला, शुष्क हो गया,
अश्रुपूर्ण उद्यान, खेत, सब,
भेद मिटा, भूतल, सरिता का,
श्री हीन हो गए, अम्बु बिन,
हाहाकार मचा है ,चतुर्दिक,
पशु, पक्षी ,असहाय हो गए,
कौन सुने? किस की पुकार अब ?
रुदन कर रहे, याचक, दाता,
सभी हुए जब ,जल बिन मछली,
सिसक रही है, कागजी नौका,
क्या होगा भवितव्य हमारा?
मोर ,पपीहा, दादुर चिंतित,
पावस बिन, दुनिया है सूनी,
गांँव बाग और भवन सभी के,
आंँसू कह रहे, चीख चीख कर,
कृष्णा नीरद, जमकर बरसो,
अब मत कहना ,हमसे, तरसो,

✍️ उषा कंसल बैंगलोर
फोन नंबर - 964396 4505

नमन मंच_साहित्य एक नज़र
अंक_83_84
विधा_(गीत) गुरू वंदना
दिवस _शनिवार
दिनांक_31.7.2021
शीर्षक_जय जय गुरूदेव

#
जय जय गुरुदेव

गुरु मात पिता प्रथम देव गुरु
देव है जगत में!
गुरु पूजे सब देव लोक..
गुरु सेवा सब सेवा जगत में!
गुरु इष्ट है गुरु मंत्र तंत्र गुरु..
ज्ञान के सागर गुरु सकल संसार !
गुरु आवाहन पंच विधि पूजा है !
काव्य तरंग गुरु पावक
सकल वेद पुराण है !
गुरु भगवत ईशा गुरु यज्ञ
सूर्य चंद्र प्रकाश है !
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु सदा
शिव महेश्वर है !
बिन गुरु के जप तप ज्ञान दान..
व्रत तीरथ वृथा जग जाना है !
प्रथम देवों के देव गुरु देव जगत में !

✍️ रीता मिश्रा तिवारी
शिक्षिका स्वतंत्र लेखिका
भागलपुर बिहार
३०.७.२०२१

गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती नमन -

हे गुरुदेव कविमना महान !
बहुमुखी प्रतिभा संपन्न विद्वान।
शत-शत है तुम्हें नमन मेरा,
कविताएं  बनी है राष्ट्रगान ।।
दार्शनिक, चिंतक और चित्रकार,
थे निपुण शास्त्रीय संगीतकार ।
विपुल साहित्य की रचना की,
पाया साहित्य नोबल पुरस्कार।।
संस्थापक शांति निकेतन के,
तुम प्रिय रहे हर जन मन के।
नाटक और कहानियां गुरुदेव,
लगते प्रसंग हर जीवन के।।
किए कार्य सतत और अविराम,
उनसे ही अमर आपका नाम।
जयंती पर्व पर कोटि नमन,
हे गुरुदेव ! कोटि प्रणाम।।

✍️ डॉ. अनिल शर्मा अनिल
धामपुर,उत्तर प्रदेश

कविता:- 20(81)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता :-  वक्त से जीना सीखों ‌..

वक्त ही राह पर
चलना और चला दिया ,
बड़े - बड़े समस्याओं का
भी समाधान करा दिया ।।
हमसे जलने वाले को
और भी जला दिया ,
वक्त ही तो हमें और
आपको ये कला दिया ।।
वक्त किसी को साहस तो
किसी को डरा दिया ,
वक्त ही तो मित्रता और एक
दिन वक्त ही लड़ा दिया ।।
वक्त ही जीवन और एक वक्त ही
अच्छे - अच्छे को मरा दिया ,
हम भी वक्त के साथ यूँ चल जायेंगे ,
आज वक्त ही हमें कर खड़ा दिया ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(81)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
07 अगस्त 2021 , शनिवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 89
Sahitya Ek Nazar
07 August 2021 , Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

सामाजिक परिवर्तन - डॉ. राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित"

  समाज के आधारभूत बदलाव को ही सामाजिक परिवर्तन कहते हैं । इस प्रक्रिया में समाज की कार्यप्रणाली में परिवर्तन होता है। जिसके कारण समाज मे वर्ग,स्तर आदि में परिवर्तन होता है। समय के साथ साथ समाज मे जो परिवर्तन देखने को मिलता है उसे सामाजिक परिवर्तन कहते हैं। प्राचीन समय मे समाज मे अनेक कुरीतियां कुप्रथाएं थी जैसे दहेज प्रथा सती प्रथा बाल विवाह आदि। आज ये सब बंद हो गई। सामाजिक परिवर्तन हुआ। लोग शिक्षित होते गए । अंधविश्वास जादू टोना ओझा के सारे धंधे बंद हो गए। कुप्रथाओं का अंत हो गया। सुखी सम्पन्न शिक्षित समाज का निर्माण हुआ। वेज्ञानिक सोच विकसित हुई। आधुनिक युग तकनीकी का युग है इसमें सब बदल रहा है। सामाजिक स्तर भी सुधरा है  सामाजिक परिवर्तन होने से आर्थिक विकास हुआ है। यह सामाजिक परिवर्तन किसी एक देश मे नहीं अपितु यह तो विश्वव्यापी परिवर्तन है। प्रत्येक समाज मे सहयोग संघर्ष समायोजन  प्रतियोगिता की प्रक्रिया चलती रहती है।  खोज आविष्कार प्रचार प्रसार आंतरिक विभेदीकरण आदि सामाजिक परिवर्तन के मुख्य स्रोत है। सामाजिक परिवर्तन के अनेक कारक है
सांस्कृतिक प्रद्योगिक जैविकीय आर्थिक भौगोलिक परिवेश से जुड़े हुए मनोवैज्ञानिक विचारधारात्मक कारक मुख्य है। महात्मा गाँध ने आजादी दिलाने के लिए सत्य अहिंसा सत्याग्रह सविनय अवज्ञा आंदोलन के बल पर हिंदुस्तान अंग्रेजो के शासन से मुक्त कराया। ये बहुत बड़ा सामाजिक परिवर्तन था। आज विज्ञान के कारण देश का विकास हुआ  हम तकनीकी में आगे बढ़ गए। लेकिन हमारे मानव मूल्यों का  धीरे धीरे पतन होने लगा। सत्य बोलना हिंसा नहीं करना,अहिंसा का पथ हम भूल गए। मानवीय गुणों की कमी चिंताजनक  हम मनुष्य हैं लेकिन मनुष्यता के गुण नहीं है। दया करुणा परोपकार सहयोग सहानुभूति सेवा ये मानव मूल्य अब कहाँ दिखते  स्वार्थपरता की आँधी में ये मानव मूल्य जैसे फ़ुर्र हो गए। आज आवश्यकता है सबसे बड़े धर्म मानव धर्म को समझने की । हम वसुधेव कुटुम्बकम की बात करते हैं लेकिन हम परिवार में एकता से भाईचारे से रह नहीं पा रहे  परिवार टूटते जा रहे। पहले संयुक्त परिवार हुआ करते थे अब एकल हो गए।

✍️ डॉ. राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित"
कवि,साहित्यकार
भवानीमंडी

साहित्य संगम संस्थान ने किया रामचरित काव्यामृत का आयोजन -

- राजेश पुरोहित,भवानीमंडी
दिल्ली:-साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा 16 जुलाई से 31 जुलाई के बीच पांच चौपाई सृजन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवनी पर आधारित रामचरित काव्यामृतम चौपाई छंद सृजन का भव्य आयोजन किया गया था, जिसका परिणाम 05/08/2021 को घोषित किया गया,ज्ञातव्य हो कि इस आयोजन के संयोजक आशीष पाण्डेय जिद्दी सचिव मध्यप्रदेश इकाई, पूर्व अनुशासन प्रमुख साहित्य संगम संस्थान थे। समीक्षा के उपरांत चयनित काव्य मनीषियो पंक्तियों में लोकेन्द्र कुम्भकार शाजापुर मध्यप्रदेश "उमा महेश्वर जय सुख दाता , शब्द अर्थ दो भाग्य विधाता",नरेश द्विवेदी शलभ फर्रुखाबाद उप्र "प्रातकाल प्रभु ऋषिजन बोले,खल दल दलन  हेतु मुख खोले",डॉ मीना कौशल प्रियदर्शिनी गोंडा उप्र "नमन वाक् देवी कल्याणी।बसहुं हृदय मानस मम वाणी"राजेश कुमार कौरव गाडरवारा मध्यप्रदेश  "देख अवध सूना सिंहासन,रामहि सौंप दिया गुरु आसन" लाजबाव सृजन रहा,इस आयोजन मे देश भर से जुड़े साहित्यकारों में से डाॅ. पं. रामसेवक पाठक "हरिशंकर" , आर. बी. सिंह परिहार, नरेश द्विवेदी,श्री के एल महोबिया,डॉ. मीना कौशल,संजय गुप्ता "देवेश", ज्योति मिश्रा,सुनील कुमार अवधिया,सत्यदीप शर्मा,राजेश कौरव,मोनिका प्रसाद, ब्रह्मनाथ पाण्डेय "मधुर",विमल सागर ,इंदु शर्मा "शचि" ,भवानी दुबे,सुषमा खरे,अनुराधा तिवारी "अनु",लोकेन्द्र कुंभकार ,प्रमोद पाण्डेय,सरोज शुक्ला,ईश्वरचंद्र जायसवाल,अनीता जोशी,प्रेमलता कोहली,जयश्री कांत "जय",भरतलाल गौतम,रंजना बिनानी "काव्या",विद्या दास ,सिम्मी नाथ,प्रेमलता उपाध्याय,राजवीर सिंह "मंत्र",संगीता चमोली, कुसुमलता "कुसुम, कुमकुम सिन्हा ,राजेश तिवारी "मक्खन", ज्योति सिंह बेदी "येशु" ,कुमारी निरुपमा, केशव कुमार मिश्रा,श्रीकांत "तैलंग",सुनीता बाहेती उपस्थित हुए,कार्यक्रम के समीक्षक  छंदाचार्य शैलेन्द्र खरे "सोम" गुरुदेव की समीक्षा और निर्णय के आधार पर श्री लोकेंद्र कुंभकार जी शाजापुर मध्यप्रदेश एवं  आ० नरेश द्विवेदी जी फर्रुखाबाद उप्र प्रथम डाॅ मीना कौशल जी गोंडा उप्र द्वितीय एवं आ० राजेश कौरव "सुमित्र" जी गाडरवारा मध्यप्रदेश को तृतीय स्थान घोषित करते हुए सभी विजेताओं सहित समस्त प्रतिभागियों एवं सुधी पाठकों को इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर सफल बनाने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी, संयोजक आशीष पाण्डेय जिद्दी ने बेहतरीन ढंग से संचालित चौपाई रामचरित काव्यामृतम कार्यक्रम की सराहना करते हुए इस कार्यक्रम में सम्मिलित सभी मनीषियों को बधाई देते हुए आगामी 16 अगस्त 2021 को होने वाले चौपाई शाला उद्धाटन समारोह में सम्मिलित होने के लिए अधिक से अधिक साहित्यकारों को आमंत्रित करते सभी का आभार ज्ञापित किए। नवीन कुमार भट्ट नीर साहित्य संगम संस्थान द्वारा आयोजित चौपाई छंद पर आधारित रामचरित काव्यामृतम कार्यक्रम बहुत ही सार्थक ढंग से संचालित हुआ इसका श्रेय इस कार्यक्रम में सम्मिलित मनीषियों, समीक्षकों एवं संयोजक को जाता है इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं, छंदाचार्य शैलेन्द्र खरे सोम द्वारा चयनित सभी विभूतियों को बधाई देता हूं, साहित्य संगम संस्थान अपने नये शीर्ष पर ऐसे ही अद्वितीय कार्यक्रम आयोजित करता रहे, मुझे विश्वास है कि 16 अगस्त 2021 को होने वाले चौपाई शाला का उद्घाटन समारोह निश्चित ही कामयाबी की मिसाल साबित करेगा।

असम इकाई की कार्यकारी अध्यक्षा की कलम ✍️ से ........

साहित्य संगम संस्थान असम इकाई का वार्षिकोत्सव धूमधाम से संपन्न
साहित्य संगम संस्थान, असम इकाई
आयोजन - सावन महोत्सव एवं असम इकाई का प्रथम स्थपना दिवस
सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन ।🙏
सम्मानित मंच को नमन । 🙏

साहित्य संगम संस्थान की असम इकाई द्वारा आयोजित सावन महोत्सव में आप सभी का हार्दिक स्वागत, अभिनन्दन, वंदन और नमन है । साहित्य संगम संस्थान की असम इकाई के आज 05.08.2021 का दिन बहुत ही शुभ और हर्ष एवं उल्लास का दिन है क्योंकि पिछले वर्ष आज के ही दिन दिनांक 05.08.2020 को संस्थान की संस्थापना आभासीय पटल फेसबुक पर की गई थी । इस शुभ दिन को यादगार बनाने हेतु संस्थान की असम इकाई ने पूरे सावन मास को ही संस्थापना मास के रूप में मनाने का निर्णय लिया और तदनुसार सावन के प्रथम दिन से पूर्णिमा पर्यंत सावन मास की मस्ती और भगवान् भोलेनाथ की सावन मास में की जानेवाली पूजा, अर्चना, भजन, भक्ति आदि से संबंधित विभिन्न विषयों पर आधारित रचनाओं के सृजन और काव्यपाठ के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें भी प्रत्येक सोमवार को विशेष आयोजन किया जा रहा है। इन सब में से अब तक आया सावन झूम के, सावन का महीना पवन करे शोर, सावन के झूले, रिमझिम बरसे काली घटा, सावन में शिव महिमा, सावन में धानी चुनरिया/लहरिया, सावन की बहार पकवानों की मिठास, आदि कार्यक्रम सम्पन्न किए जा चुके हैं । उत्सव को मजेदार और भव्य तरीके से मनाने के लिए कई तरह के अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं और साहित्य संगम संस्थान की बीस इकाइयों में से प्रत्येक नये कार्यक्रम के दिन के विषय के प्रवर्तन के लिए इनमें से हर बार एक एक करके बारी बारी से किसी एक इकाई के सभी पदाधिकारियों को अतिथियों के रूप में आमंत्रित किया जाता है और उस दिन उस इकाई के अध्यक्ष अपना उद्बोधन प्रस्तुत करके सभी को अपना शुभकामना संदेश देतें हैं और अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढा़तें हैं और उस दिन के विषय का सुन्दर शब्दों में प्रवर्तन प्रस्तुत कर कार्यक्रम और उत्सव का विधिवत भव्य प्रारम्भ करतें हैं । इस प्रकार का आयोजन प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले कभी देखने या सुनने में नहीं आया और इस तरह से यह अपने आप में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जैसा अनोखा कार्यक्रम बन रहा है जिसकी सभी लोग मुक्त कंठ से चर्चा, प्रसंशा और सराहना कर रहें हैं। सबसे बडी़ बात है कि होने को तो यह संगम की असम इकाई का सावन महोत्सव और प्रथम वार्षिकोत्सव है किन्तु वास्तविकता में यह संगम के मुख्यालय सहित सभी इकाइयों का ही महोत्सव बन गया है ।और सभी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहें हैं। और आयोजन को सफल ही नहीं, दिव्य भव्यता प्रदान करने के लिए दिन-रात एक किए दे रहें हैं। कोई किसी से कमतर या पिछे रहना नहीं चाह रहा है । सबके सामूहिक उपक्रमों का शुभ परिणाम भी मिल रहा है और सबके द्वारा अपना सौ प्रतिशत सहयोग देने के कारण सावन महोत्सव को आशातीत सफलता प्राप्त हो रही है । इसके लिए मैं असम इकाई की प्रमुख अलंकरण करता अर्चना जी जयसवाल को खासकर धन्यवाद देना चाहूंगी जिनके अथक प्रयास से आज हम इतने सुंदर सावन महोत्सव के आयोजन करने में और सुंदर सुंदर सम्मान पत्र सभी को देने में सफल हो रहे हैं ।और आशा करती हूं आगे भी उनका पूर्ण सहयोग हमें यूं ही मिलता रहेगा ।सावन महोत्सव मनाने की रूपरेखा जब मैंने व अर्चना दीदी ने बनाई तो सोचा ना था इतना सुंदर प्रारूप तैयार हो जाएगा*।
*असम इकाई सचिव आदरणीय बजरंग जी केजरीवाल संतुष्ट को भी बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहूंगी जिनका  हर मोड़ पर हमें साथ मिल रहा है*।
*आज मै असम इकाई के सभी पदाधिकारीगण और रचनाकारों  के सहयोग और साथ देने के लिए हृदय की अन्यतम गहराई से सबके प्रति अपना अभिनन्दन, नमन, वंदन, धन्यवाद और आभार व्यक्त करती हूं*।

जय हिन्द, जय भारत, जय हिन्दी, जय साहित्य संगम संस्थान, वंदेमातरम्।

निवेदक,
असम इकाई 🙏🙏










साहित्य एक नज़र




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