साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 36 , मंगलवार , 15/06/2021, अंक - 34 , रविवार , 13/06/2021

साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 34
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अंक - 33

https://online.fliphtml5.com/axiwx/ltkj/

जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 34

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

आ. प्रमोद ठाकुर जी
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

अंक - 34
13 जून  2021

रविवार
ज्येष्ठ शुक्ल 03 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र - 10 -12
कुल पृष्ठ -  13

मो - 6290640716


🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
74. आ. प्रेम लता कोहली जी
75. आ. डॉ. जनार्दन प्रसाद कैरवान  जी ,  ऋषिकेश उत्तराखंड

🏆 🌅 पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र  🌅 🏆

76. आ. रामकरण साहू " सजल " जी - "शबनम की बूँदें  ( पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र - 3 )

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 34
Sahitya Ek Nazar
13 June 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

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सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र ( 1 - 76 )
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अंक - 31 से 33
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आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा

मो - 6290640716

_________________

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अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/31-10062021.html

कविता :- 20(23)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2023-31-10062021.html

अंक - 32
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/32-11062021.html
, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2024-11062021-32.html

कविता :- 20(24)

अंक - 33
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/33-12062021.html

12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

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अंक - 30
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अंक - 1
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सम्मान पत्र - 1 - 72

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_____________

1.

https://youtu.be/oM4OZF0B3p0

अंक - 1
2.

परिचय -
✍️ रामकरण साहू"सजल"ग्राम-बबेरू
जनपद - बाँदा , उत्तर प्रदेश , भारत
शिक्षा- परास्नातक
प्रशिक्षण- बी टी सी, बी एड, एल एल बी
संप्रति- अध्यापन बेसिक शिक्षा
सम्पर्क सूत्र-  8004239966

श्री रामकरण साहू " सजल " जी

श्री रामकरण साहू "सजल" जी का कविता संग्रह "शबनम की बूँदें " समीक्षा -

श्री रामकरण साहू "सजल" जी के कविता संग्रह "शबनम की बूँदें" से आती गाँव की मिट्टी की खुशबू आपके लिए उपलब्ध है।

1. रूद्रादित्य प्रकाशन
190 एच/आर/3-एन, ओ.पी.एस नगर
कलिन्दीपुरम
प्रयागराज (ऊ.प्र.)
दूरभाष -8187937731

2. श्री रामकरण साहू "सजल"
कमासिन रोड़ नीलकंठ पेट्रोल
पम्प के पास ग्राम-पोस्ट बबेरू
बाँदा (ऊ.प्र.)
दूरभाष- 8004239966

     
✍️ आ. प्रमोद ठाकुर जी
समीक्षक / सह संपादक
9753877785
3.

शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন

🎁🎂🎈🎉🎉🎈

धनबाद , झारखंड के कवियत्री
आदरणीया _________ ज्योति कुमारी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
🎁🎂🎈🎉🎉🎈

13 जून 2021 , रविवार

____________

4.
प्रेस विज्ञप्ति -  12जून 2021
सादर प्रकाशन हेतू

महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास
IMCC INDIA महेश नवमी महोत्सव 2021-
पूरे देश में 111 जिला ब्रान्ड एम्बेसडर मनोनीत किये गये -

गोलाघाट जिले से श्रीमती रंजना बिनानी मनोनीत

अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अभिनव प्रयोग करते हुए पूरे देश में विभिन्न 108 जिलों में अपने - अपने जिलों से " महेश नवमी महोत्सव - 2021 के लिए कुल 111 जिला ब्रान्ड एम्बेसडर " मनोनीत किये गये हैं ! जिसकी पूरे देश में माहेश्वरी समाज के प्रबुद्ध जनों की तरफ से भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है!

इसी क्रम में.गोलाघाट- जिले से श्रीमती.रंजना बिनानी. को  मनोनीत किया गया है !
**
19 जून शनिवार को माहेश्वरी समाज का उत्पत्ति दिवस महेश नवमी है जिसे सम्पूर्ण विश्व में माहेश्वरी समाजजन द्वारा मनाया जाता है!
इसी क्रम में अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत की सभी 108 जिला शाखाओं द्वारा भी महेश नवमी महोत्सव 2021 धूमधाम से अपने अपने स्तर पर मनाया जा रहा है! इसके अन्तर्गत विभिन्न तरह के परमार्थ हित वाले कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जा रहे हैं !

यह जानकारी देते हुए अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती अनिता डॉ अशोक सोडाणी, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती डॉ माया डॉ मधुसुदन राठी, गुजरात प्रदेश संयोजक श्रीमती रीतु एडवोकेट मुकेश कोठारी एवं उत्तर प्रदेश प्रान्तीय अध्यक्ष श्रीमती विनीता प्रेम नारायण राठी ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के द्वारा विभिन्न 108 जिलों में अपने - अपने जिलों से " महेश नवमी महोत्सव - 2021 के लिए जिला ब्रान्ड एम्बेसडर " मनोनीत किये गये हैं! देश के विभिन्न जिलों से कुल 111 जिला ब्रान्ड एम्बेसडर मनोनीत किये गये हैं ! इन सभी जिला ब्रान्ड एम्बेसडर का मनोनयन एक सप्ताह के लिए 13 जून रविवार से 19 जून 2021 शनिवार तक के लिए किया गया है !
अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के द्वारा इस वर्ष महेश नवमी महोत्सव - 2021 हेतू  राष्ट्रीय ब्रान्ड एम्बेसडर  के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय भजन गायिका एवं क्लब की राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती डॉ सुमन सोनी को मनोनीत किया गया है !

संलग्न - फोटो 1

5.
कविता :- 20(26)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅

तेरह जून उन्नीस सौ निन्यानवे
दिन रविवार को मैं जन्मा नहीं
यह जन्मतिथि का किया
गया है पंजीकरण ,
झोंझी ग्राम , मधुबनी , मिथिला
बिहार , भारत की
भूमि पर जन्म लिए रहें
एक अक्टूबर उन्नीस सौ सत्तानवे ,
बुधवार को मैं गंगाराम व रोशन ।।
हमारा जन्मदिन कोई न मनाएँ
बिना मनाएं ही है हम प्रसन्न ,
क्योंकि धन्यवाद कहने में ही
नहीं व्यतीत करना चाहता हूँ ये
समय भरी धन ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
रविवार , 13/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(26)
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 34
Sahitya Ek Nazar
13 June 2021 ,   Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
शुभ जन्मदिन , Happy Birthday ,
শুভ জন্মদিন

🎁🎂🎈🎉🎉🎈
13/06/1999 - रविवार
01/10/1997 - बुधवार

6.

वो दोस्तों के साथ
मस्ती करना
आम के बाग में
फांद कर जाना
कैरी पर ताककर
निशाना लगाना
एक-एक कैरी पर
छीना-झपटी करना
माली को आता देख
फिर फांद कर भागना
गिरकर वो घुटनों के छिलना
एक दूसरे की
चोट को सहलाना
मुझें याद है ..
मिट्टी से सने कपड़ों
में घर पहुँचना
वो चोट के दर्द से कराहना
फिर चोरी की बात सुनकर
माँ का थप्पड़ों से
गाल लाल करना
फिर आँख से बहते आँसू देख
माँ का गले से लगा लेना
मुझें याद है ..
वो कॉलेज के दिन
रंग-बिरंगें कपड़ो में सजी
तितलियों का आना
लहराते बालों बाली
हर एक लड़की को ताकना
क्लास में बैठी लड़की को
चोर नज़रों से देखना
मास्टर जी का
चॉक फेंक कर मरना
पूरी क्लास में ठहाकों
का गूंजना
मुझें याद है ..

✍️ प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर , मध्यप्रदेश
9753877785

7.
#नमन मंच
साहित्य एक नजर
अंक 34_36
प्रकाशन हेतु लघु कथा

#
हमारा फ़र्ज़  ✍️ रीता मिश्रा तिवारी

सिया पिछले दो महीनों से कोरोना ड्यूटी बहुत ही ईमानदारी से कर रही थी , आज से उसे छूटी पे रहना था, पर हॉस्पिटल इंचार्ज का कॉल आया की एक सप्ताह और आपको रुकना है । सिया एक बहुत ही अच्छी और जिम्मेदार डॉक्टर है। अपने घर परिवार छोड़ कर अपनी प्रेग्नेंसी का ख्याल किए बिना अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही थी। ये क्या .. सर को मेरा जरा भी ख्याल नहीं , बिना रेस्ट किए दो महीने से ड्यूटी कर रही हूं यार । बीस दिन बाद मेरी डीलेवरी है मेरी, तबियत ठीक नहीं लग रही.. थक गई हूं मुझे रेस्ट चहिए। तो सर से कहा क्यूं नहीं.. कही थी.. नहीं माने बोले बहुत भीड़ है पेसेन्ट की। डॉक्टर सिया को उसकी हालत देख उसे छुट्टी मिल गई दस दिन बाद सिया को लेवर पेन होता है और वो हॉस्पिटल आती है ..वो अभी ओटी में जा ही रही थी कि ,एक प्रेग्नेंट औरत स्ट्रेचर पर गंभीर हालत में थी चिल्ला रही दर्द से..कोइ उसे देख नहीं रहा था । सिया अपना दर्द भूल वार्ड बॉय और नर्स को बुला ओटी में चलने कहा । नर्स - डाक्टर उन्हें छोड़िए आप अपने को देखिए आपको भी तो लेवर पेन हो रहा है। सिया - सिस्टर , क्या हमें डॉक्टर या नर्स बनते वक्त क्या सपथ लिया गया था भूल गई हैं .. हमारा फर्ज है खुद से पहले मरीज को देखना और हमें हमारा फर्ज निभाने दें आपको आना है तो आ सकती है वरना आपकी मर्जी कह ओटी में चली गई। उस औरत की स्थिति बहुत ही गंभीर थी .. दो घंटे की ऑपरेशन के बाद एक स्वस्थ बेबी को नर्स के हाथ में देते ही डॉक्टर सिया बेहोश होकर गिर गई। सिया की हालत बहुत बिगड़ गई थी .. फौरन सीनियर
डॉ. आएं ऑपरेशन किया गया पर .. बच्चे को ना बचा सके। अपने बच्चे को खो कर डॉक्टर सिया ने अपना फर्ज निभाया। और उन्हें मलाल नहीं बल्कि होठों पर मुस्कुराहट थी।

✍️ रीता मिश्रा तिवारी
१२.५.२०२१

8.

अभिभूत

मै अभिभूत थी
तेरे प्यार में,
सोचती थी इसे
कहां संजोऊ
रखूं किस दिल
की तिजोरी में,
कैसे बचाऊं
सबकी नज़रों से,
दिन पर दिन निखर ,
रही थी तेरे प्यार में ,
सोचती थी कैसे
करूं इजहार,
डरती थी दुनिया
की निगाहों से,
चाहती थी छुपा लो ,
एक नन्ही चिड़ियाँ
की तरह
मुझे बांध लो उन
मजबूत हाथों में ,
अफसोस तुम
तो यू ही चले गये ,
जैसे भोर के आगमन पर ,
चाँद चला जाता है,
छोड़ जाता है एक सपना,
साँसों की लय के
साथ याद करने को...
    
✍️ डॉ. मधु आंधीवाल

9.
                   गीतिका -

बात जो तुमने कही थी,भूल हम पाते नहीं।
यह अलग बात है,वह बात दोहराते नहीं।।
आइए,आ जाइए,हर बार बस,एक बात यह,
अपनों से मुंह मोड़कर,इस तरह जाते नहीं।
चाहते तुमको बहुत, पर हमने ऐसा  कब कहा,
ज़िक्र न जिसमें तेरा, वह गीत हम गाते नहीं।
कोई  मजबूरी तेरी या,  ये अहं है जिद तेरी
पूछिएगा अपने दिल से,क्यों भला आते नहीं।
स्वप्न बुनना कुछ सुनहरे,अपनी तो आदत रही,
कर दें जो पागल,दीवाना, स्वप्न दिखलाते नहीं।
'अनिल' तो गतिमान हर पल,दे रहा है ताजगी
रोकना चाहते  इसे जो,  रोक  वह  पाते नहीं।

✍️ डॉ. अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर उत्तर प्रदेश

10.
||ॐ श्री वागीश्वर्यै नमः||

वर्षा शकुन
            
गुड़ तंबाकू नम हो जाएं,
और सूखी मिर्च भी|
अंडे लेकर चींटी चलती,
खग नहाएं धूल में |
वायु बहती जिस दिशा से,
उधर गोवंश मुख करें |
जल घड़े का गर्म हो जब,
आलस्य पित्ती-जन करें |
गगन-गंगा याम्योत्तर हो,
अरु बहे पुरवाई भी |
शुभ शकुन वर्षा के जानो,
हरषे जड़ जंगम सभी ||३||

वर्षा पूर्व दशा

चींटी दीमक पर पर आते,
फिर अंबर चहुँ दिशि छा जाते ।
खगकुल उनके ऊपर जाते,
भोज सानंद खुश हो खाते ||
जो धरणी अंतर में सोते,
जीव सभी बाहर आ जाते|
मेघ विविध रूपों में आते,वे
तब सकल गगन छा जाते ||
सुंदर रूप मेघ बनाते,मुदित
मयूर सुनृत्य दिखाते|
सुभग नृत्य लखि उनकी जाया,
जगती मन में तिनकी माया||
लखि सब शकुन कृषक हर्षाया,
मनहु महाधन उसने पाया||
घिरे मेघ जब गगन में,
रव करे महाघोर|
त्यजकर लंबी नींद को,
दादुर करते शोर ||४||

✍️ गणेश चंद्र केष्टवाल
ग्राम- मगनपुर, पो. किशनपुर,
कोटद्वार गढवाल (उत्तराखण्ड)

11.

अंक 34 हेतू
सादर... प्रेषित
डा0 प्रमोद शर्मा प्रेम नजीबाबाद बिजनौर

       ग़ज़ल      

आसमां देख कर ये जमीं देख ली
गम भी देखाबहुतऔ खुशी देख ली! 1
फर्ज में ही दबी , हसरतें रह गयी
जुगनुओं से डरी, चांदनी देख ली! 2
बेवफाओ से भी कोई शिकवा नहीं
बा वफा जा तेरी , दोस्ती देख ली! 3
धूप है जिन्दगी.....तो कभी छांव है
तिश्नगी देख ली .... बेकली देख ली! 4
मेंरे मखमल के..दामन में कांटे दिये
है  दुनिया बहुत..सिरफिरी देख ली! 5
आज सारी ..हताशा हवा हो गई
पत्ती सूखे शजर . पर हरी देख ली! 6
हाथ में ली कलम ..थर थराने लगी
इक तड़पती हुई जब कली देख ली! 7
तीरगी तीरगी ...तीरगी हर तरफ़
मैंने आधी से    ज़्यादा सदी देख ली! 8
और देखूं  ....ला क्या ही बाकी रहा
आसुओं से बही...इक नदी देख ली! 9
लाडली रात भर कल रही जागती
इक सहेली की कल पालकी देख ली! 10
माँ का आंचल जो सिर पे मेरे आ गया
प्रेम जन्नत वहीं रौशनी...देख ली! 11

✍️ डॉ . प्रमोद शर्मा प्रेम
नजीबाबाद बिजनौर

12.

विषय:-

ग्राम विकास -
गांवों में अभिनव प्रयोग

ग्राम विकास करें हम मिलकर
, यह संकल्प हमारा है।
गांव का हर नर-नार सुखी हो,
यही हमारा नारा है ।।
बच्चे पढ़लिखकर बस्ती के
, नाम करें रोशन जग में ।
रोजगार के लिए भटकना,
पढ़े ने इनको जीवन में।
जीवन सफल बने बस इनका,
हो ने कभी बेचारा है ।।1।।
वृक्ष लगाकर करते रहें हम,
पर्यावरण की रक्षा है ।
ग्राम विकास में कसर ना छोड़ें,
यही हमारी दीक्षा है ।
मुख ना मोड़ें बस्ती हित से ,
यह कर्तव्य हमारा है ।।2।।
उज्जवल था यह अतीत हमारा,
होय भविष्य महान है ।
किंतु संभालो इसे की जो अब,
बिगड़ रहा वर्तमान है।
घृणा का न स्थान हो यहाँ पर,
हो यहाँ भाईचारा है।।3।।
अब तक  यदि कोई भूल हुई है,
उसका करें सुधार हम ।
सेवा का संकल्प करें और,
दीन जनों से प्यार हम ।
कवि 'महेश' का नमन है उनको,
जिनने सुपथ संवारा है ।।4।।
ग्राम विकास करें हम मिलकर
, यह संकल्प हमारा है।
गांव का हर नर नार सुखी हो,
यही हमारा नारा है ।।

लेखक/कवि-
   ✍️  महेश चन्द सोनी
पता- जौंल,(करौली)राजस्थान।

13.

    "अपने और ठिकाने खोजें"

पर्यावरण में पौध लगाएं या
हीरो की खाने खोजें!
जंगल के राजा को बोलो,
अपने और ठिकाने खोजें!
कितने आए  गए सियासी,
हथकंडे अपनाने वाले,
सबने अपनी भरी तिजोरी,
बचने के बहाने खोजे!
यूं जीवो के जीवन की नीलामी
करना ठीक नहीं
क्या,जंगल ,जमीन मिटाकर
सोने के खजाने खोजें!
महामारी मंजर में हावी ,
हैवानी चेहरों को देखा,
सांस उकड़ती लाशों से भी
, बेरहमी से गहने खोजें!
धरती मां की हरियाली को,
बंजर कर के लगते हो
खुद माता की लुटा आबरू,
जैसे ढोंगी थाने खोजें!
बची  विरासत  पुरखो के, 
  संघर्षी  बलिदानों से
कुछ कहते है हमने देखो,
जन्नत और जमाने खोजे!
आदि मानव से मानव तक
का सफ़र देखलो फिर सोचो
कई सदी के बाद किसी ने,
चुनकर दाने दाने खोजे!
जंगल के राजा को बोलो
अपने और ठिकाने खोजें!

SAVE BAKSWAH FOREST

✍️  नीरज सेन (कलम प्रहरी)
गुना ,मध्य प्रदेश

   

14.
रक्त दान

मूर्छित हुये लक्ष्मण जी,
सूझे  ना  उपाय ।
शोक में श्री राम जी,
करो  कोई   उपाय ।
कहे बैध जल्द कोई,
संजीवनी बूटी लाओं।
उड़ बजरंगबली,
द्रोणागिरी पर्वत ले आये।।
तबसे चलत आये,
मिल जुल प्राण बचाय।
चंद बूँदों से तू बंदे, कर
ले यह शुभ कार्य।।
रक्तदान का कार्य बड़ा,
जग में  है महान।
इससे बढ़कर कोई नहीं,
होता  महादान।।
देकर लहू सैनिक
,अनगिनत प्राण बचाये।
रक्तदान करो हमेशा,
तनिक न घबराओं।।
जीवन तो है मेला, इक 
प्राण तो बचाओं।।
मानव का मानवता का,
पाठ तुम पढाओं।।
अटल स्तय मृत्यु ,
एकदिन सबको जाना है।
जाते-जाते गैरों का भी,
प्राण हमें बचना है।।
जाती-धर्म से ऊपर
उठकर,पुण्य कमाना है।
ईश्वर-अल्लाह एक है
,दानवीर बन जाना है।।

✍️ पूजा कुमारी साह
जमशेदपुर,झारखंड।

15.
नमन साहित्य मंच🙏💐
अंक-34,36
दिनाँक-13/6/2021

सुनहरी यादें

जमाने की परवाह  नहीं
मुझको ओ "सनम,"
इबादत करता  रहूँ
,"सुनहरी यादें" "हर जन्म"।
"सुनहरी यादें" अहसासों
से भरा रखे ख़याल,
और कुछ नहीं साथ
तुम्हारा मिले "हर जन्म"।
जिंदगी खामोश है "
सुनहरी यादें" बिन सनम,
नटखट अल्हड़पन तुमसा
जरुरी  "हर जन्म"।
खालीपन सा जो रह गया
जिंदगी में बाकि,
"सुनहरी यादें" ही जन्नत
दिखाये "हर जन्म"।
'रेखा'  बिन बंजर भूमि
सा हो गया  'विनोद',
हरियाली तीज बन
आओ  सनम  "हर जन्म"।
जन्मों जन्मांतर का साथ
हमारा तुम्हारा सनम,
"सुनहरी यादें" बनकर छा
जाती हो "हर जन्म"।

✍️ विनोद शर्मा "विश"
     दिल्ली

16.
13 जून उनका आद्यश्राद्ध है🙏🏻🙏🏻🌸🌸

*साधारण जीवन शैली से जीवन को जय करे*

  “यह संसार प्रकृति के नियमों के अधीन है
  और परिवर्तन एक यात्रा, नियम है
  शरीर तो मात्र एक साधन है
  इसे एक दिन प्रकृति में विलीन होना ही है ….”
  विज्ञान का छात्र तथा असमिया साहित्य के प्रति संपूर्ण समर्पित साहित्य अकादमी, सरस्वती, पद्मश्री आदि सम्मान से सम्मानित सन 1932 में नगांव जिले में जन्मे असमिया साहित्याकाश का उज्जवल नक्षत्र ड° लक्ष्मी नंदन बरा जी के मृत्यु के साथ -साथ जैसे एक युग का अंत हुआ। कोरोना महामारी ने हमारे बीच में से एक के बाद एक ऐसे महान अभिभावक स्वरूप मनीषियों को छीना है जिसकी रिक्तता अपूरणीय है ।
     असम साहित्य सभा के भूतपूर्व सभापति ड° बरा जी को मृत्यु के कुछ दिन पहले एक साक्षात्कार में इतने उम्र में भी इतने स्वास्थ होने का राज पूछने पर उन्होने बताया था कि---  वे नियमित रूप से अपनी पसंदीदा काम लिखना -पढ़ना, नियमित व्यायाम - प्राणायाम करना, किसी भी परिस्थिति में कम उद्विग्न होना और जीवन में लेखन कार्य के द्वारा मिली सफलताएं उनकी स्वास्थ जीवन धारण की सोपान रही है। सभी तरफ से समर्थवान होने के बाद भी एक अत्यंत साधारण जीवन शैली को अपनाने वाले इस महामानव ने भले ही करोना की युद्ध में करोना को जय नहीं कर पाए लेकिन हमें नियमत, साधारण तथा कम उदिग्नतापूर्ण जीवन शैली से अपने जीवन को किस तरह जय किया जासकता हैं उसका मूल मंत्र देकर गए हैं। ऐसे महानात्मा को उनकी आद्यश्राद्ध के दिन विनम्र श्रद्धांजलि ज्ञापन करती हूं तथा परिवार के सभी जनों के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं। हे महामानव आपको शत: शत: नमन।

✍️ मंजूरी डेका
शिक्षिका
गुवाहाटी, असम
(स्व लिखित, अप्रकाशित)

17.

पर्यावरण दिवस के अवसर
पर कवियों का अध्यात्म द्वारा
संकलित KA मराठी प्रेरणा समुह
के तहत एक विशेष प्रतियोगिता
का आयोजन किया गया।
इसमें श्रीमती. सिद्धि रावळ
तीसरे, आदित्य गव्हाणकर
दूसरे और सौ.  विनया तिडके
ने पहला नंबर हासिल किया।
प्रतियोगिता में भाग लेने
वाले सभी सारस्वतों को
बहुत-बहुत धन्यवाद और बधाई।
आपकी प्रतिक्रिया हमारे
लिए प्रेरणा है।  वहीं
प्रतियोगिता के निर्णायक रहे
सरिता जैन मैडम एवं कमलेश
इंदोरकर सर ने अमूल्य
सहयोग प्रदान किया।

KA मराठी प्रेरणा समूह
कवियों की अध्यात्म
संस्थापक / अध्यक्ष
सागर गुडमेवार सर

आयोजक / उपाध्यक्ष
कमलेश इंदोरकर

Roshan Kumar Jha

18.

नमन मंच" साहित्य एक नज़र "

"पढ़ी रचनाएँ आप ने तो
मेरा काम हो गया
की जो आपने तारीफें तो
मेरा नाम हो गया ।
अब तो मुझे मरने का भी
कोई गम न होगा
कुछ पल को  सही
दिल में मुकाम हो गया ।
मैं  क्या जानूं छ्न्द और
बहर के उसुलों को
देखा,सुना,महसूस 
किया कलाम  हो  गया ।
मेरे लिए तो खयाल
बेहद अहम है गज़ल में
मगर अदिबों की नज़र
में  बदनाम हो गया ।
न माज़ी से गुरेज़ न
मुस्तकबिल से  परहेज
मेरी शायरी का शिकार
हालेअवाम हो गया ।
फक़त नाम  से ही मैं
'अजय 'रहा  हूँ दोस्तों
हारना हर हाल में खुद से
मेरा इनाम हो गया ।

✍️ अजय प्रसाद

अंक - 34 - 36

नमन :- माँ सरस्वती
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
मो :- 6290640716

रचनाएं व साहित्य समाचार आमंत्रित -

अंक - 34 से 36 तक के लिए आमंत्रित

दिनांक - 13/06/2021 से 15/06/2021 के लिए
दिवस :- रविवार से मंगलवार
इसी पोस्ट में अपनी नाम के साथ एक रचना और फोटो प्रेषित करें ।

यहां पर आयी हुई रचनाएं में से कुछ रचनाएं को अंक - 34 तो कुछ रचनाएं को अंक 35 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 36 में शामिल किया जाएगा ।

सादर निवेदन 🙏💐
# एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

# जब तक आपकी पहली रचना प्रकाशित नहीं होती तब तक आप दूसरी रचना न भेजें ।

# ये आपका अपना पत्रिका है , जब चाहें तब आप प्रकाशित अपनी रचना या आपको किसी को जन्मदिन की बधाई देनी है तो वह शुभ संदेश प्रकाशित करवा सकते है ।

# फेसबुक के इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में ही रचना भेजें ।

# साहित्य एक नज़र में प्रकाशित हुई रचना फिर से प्रकाशित के लिए न भेजें , बिना नाम , फोटो के रचना न भेजें , जब तक एक रचना प्रकाशित नहीं होती है तब तक दूसरी रचना न भेजें , यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन करता है तो उनकी एक भी रचना को प्रकाशित नहीं किया जायेगा ।

समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 34 से 36 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/307342511028532/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 31 से 34
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

_____________________

अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/31-10062021.html

कविता :- 20(23)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2023-31-10062021.html

अंक - 32
, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2024-11062021-32.html

कविता :- 20(24)

अंक - 33
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/33-12062021.html
12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2025-12052021-33.html

अंक - 30
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/30-09062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2022-09052021-30.html

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

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अंक - 34
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/34-13062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2026-34-13062021.html

अंक - 35

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/35-14062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2027-14062021-35.html

अंक - 36

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/36-15062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2028-15062021-36.html





साहित्य एक नज़र 🌅




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