साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 5, शनिवार , 15/05/2021

साहित्य एक नज़र






अंक -5
साहित्य एक नज़र
( कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका )

🌅 साहित्य एक नज़र  🌅
Sahitya Eak Nazar
15 May , 2021 , Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

अंक - 5
15 मई 2021
   शनिवार
वैशाख शुक्ल 4 संवत 2078
पृष्ठ - 1

कुल पृष्ठ - 4

रोहित सरदाना अवार्ड से सम्मानित रोशन कुमार झा जी की आहुति पुस्तक का विमोचन किए साहित्य संगम संस्थान असम इकाई के सचिव आ. बजरंग लाल केजडी़वाल 'संतुष्ट' जी ।

साहित्य एक नज़र 🌅 , शनिवार , 15/05/2021

भगवान परशुराम जन्मोत्सव व अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर 14 मई 2021 शुक्रवार को साहित्य संगम संस्थान काव्य मंच व पश्चिम बंगाल इकाई मंच पर साहित्य संगम संस्थान निष्ठावान साधकों को सदैव सम्मानित करके उनका हौसला बढाता रहा है। इलैक्ट्रानिक हिंदी साहित्य में जो ऐतिहासिक योगदान दे रहे हैं वे यकींनन स्तुत्य हैं। आ रोशन कुमार झा की ऊर्जा निष्ठा और लगन वंदनीय है। आप हिन्दी के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योग दान दे रहे हैं। आपको यह सम्मान देते हुए बहुत हर्षित व गर्वित हूं। कोटि कोटि बधाई व शुभकामनाएं के साथ कार्यकारी अध्यक्ष आ . कुमार रोहित रोज़ जी "रोहित सरदाना अवार्ड सम्मान से सम्मानित किए । एवं साहित्य संगम संस्थान असम इकाई के सचिव आ. बजरंग लाल केजडी़वाल 'संतुष्ट' जी के करकमलों से रोशन कुमार झा की आहुति पुस्तक का विमोचन किया गया इस प्रकार - आज हमारे साहित्य संगम संस्थान के लिए अत्यंत ही हर्ष का समय है कि आज हमारे साहित्यिक परिवार के एक उदीयमान एवं युवा कवि आ.रोशन कुमार झा जी की रचनाओं की आहुति बनकर तैयार हो गई है और आज उसका लोकार्पण होने जा रहा है। मैं तो विशेष रूप से प्रसन्न हूं कि एक युवा और मेधावी कवि की आहुति का विमोचन करने का सौभाग्य संस्थान ने मुझे दिया है। कवि रोशन कुमार झा जी को साहित्य संगम संस्थान से जुडे़ हुए आज पूरा एक वर्ष हो गया है। वे विगत दिनांक १४.०५.२०२० को आज के ही दिन हमारे परिवार का हिस्सा बनें थे। वे साहित्य संगम संस्थान की बंगाल इकाई में सचिव पद को सुशोभित कर रहे हैं। हाल ही में भाई रोशन कुमार झा को उनकी साहित्य सेवा व पूरे संगम के समाचार प्रकाशित कर उत्कृष्ट सेवा के लिए मुख्य मंच का मीडिया प्रभारी भी बनाया गया है। बंगाल इकाई के सचिव रोशन कुमार झा जी पर हमे गर्व है। भाई रोशन कुमार झा जी विनम्र स्वभाव, सहृदय, बात को शांतचित से स्वीकारने वाले, सबको मान देने वाले,  अपने दायित्व के प्रति सजग, कर्मठ, सक्रिय सदस्य हैं।इन्होंने समाज की वर्तमान की समस्याओं को सबके सामने लाने की मंशा से विभिन्न और विविध विषयों पर रचनाओं का सृजन किया है जो अपने साहित्यिक उद्देश्य को पूरा करने में सफल रहीं हैं। उनकी रचनाओं में विशेष रूप से "बिहार", "पहलवान", "हम सब अतिथि हैं", "मौन हूं अनभिज्ञ नहीं", "ये रही मजबूरी" आदि उम्दा रचनाएं हैं। मैं पूरे साहित्य संगम संस्थान की मुख्यालय सहित समस्त इकाईयों एवं मेरी तरफ से हमारे युवा कवि रोशन कुमार झा जी के उज्ज्वल साहित्यिक भविष्य की कामना करते हैं और उनके इस अभिनव प्रयास की सफलता की शुभकामना देते हैं। आहुति पुस्तक का लिंक से जुड़कर आप उनकी रचनाओं का रसास्वादन कर सकते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय आ. राजवीर सिंह मंत्र जी , कार्यकारी अध्यक्ष आ. कुमार रोहित रोज़ जी , सह अध्यक्ष आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी, संयोजिका आ. संगीता मिश्रा जी , महागुरुदेव आ. डॉ राकेश सक्सेना जी,  पश्चिम बंगाल इकाई अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा जी ,   आ. स्वाति पाण्डेय 'भारती' जी  ,आ. अर्चना जायसवाल जी , अलंकरण कर्ता आ. स्वाति जैसलमेरिया जी, आ. मनोज कुमार पुरोहित जी,आ. रजनी हरीश , आ. रंजना बिनानी जी, आ. सुनीता मुखर्जी , आ. मधु भूतड़ा 'अक्षरा' जी , आ. रीतु गुलाटी जी ,आ. भारत भूषण पाठक जी , आ. अर्चना तिवारी जी , संगम सवेरा के संपादक आ. नवल किशोर सिंह जी , वंदना नामदेव जी समस्त सम्मानित पदाधिकारियों व साहित्यकारों उपस्थित होकर आ. रोशन कुमार झा जी को आहुति पुस्तक व "रोहित सरदाना अवार्ड से सम्मानित होने के लिए बधाई दिए ।


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निवेदक,
बजरंग लाल केजडी़वाल 'संतुष्ट',
सचिव, साहित्य संगम संस्थान असम इकाई🙏👍🕉️❤️🇮🇳

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पूजा कुमारी
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी
राष्ट्रीय सेवा योजना

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छत की मुँडेर पर कुछ दीये टिमटिमा रहे थे।
अमावस थी शायद वो चाँद को चिढ़ा रहे थे।
चाँद भी उनकी शरारत से मौन था।
सुबह दिनकर ने बुझे दियों से पूछा रात में कौन था।

✍️ प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर

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हिंददेश परिवार द्वार 14 मई 2021 को हुए निम्न पदाधिकारियों का मनोनीत ।

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शुक्रवार , 14 मई 2021, भगवान परशुराम जन्मोत्सव व अक्षय तृतीया के दिन हिंददेश परिवार के सह अध्यक्ष आ. डॉ स्नेहलता द्विवेदी जी की करकमलों से आ. राजीव रंजन कुमार जी को सिवान जिले का जिला सचिव सह मीडिया प्रभारी पद पर , आ. सुबाष कुमार शर्मा जी को पुष्पवाटिका का मीडिया प्रभारी पद पर एवं आदरणीया श्वेता ठाकुर जी को पुष्पवाटिका का महासचिव पद पर मनोनीत किया गया । अध्यक्ष व संस्थापिका आ. डॉ अर्चना पांडेय 'अर्चि' जी , महासचिव आ. बजरंगलाल  केजडी़वाल जी , पश्चिम बंगाल मीडिया प्रभारी रोशन कुमार झा, हिंददेश परिवार के समस्त सम्मानित पदाधिकारियों व साहित्यकारों नव नियुक्त पदाधिकारियों को हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई दिए ।

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बच्चों की हर आशा और खुशियों का इन्तजार है पिता  - वर्चुअल काव्य गोष्ठी आयोजित
15 कवियों को "कोरोना साहित्यकार यौद्धा सम्मान " भेंट ।

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अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती एवं ईद तीन तीन महत्वपूर्ण त्यौहार के शुभ अवसर पर खिलते फूल साहित्यिक संस्था के द्वारा स्वर्गीय श्री रामजस जी सोडाणी स्मृति संस्थान भीलवाड़ा के तत्वावधान में कोविड 19 की अनुपालना के साथ वर्चुअल काव्य गोष्ठी का आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती अनिता सोडाणी की अध्यक्षता एवं राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती डॉ सुमन सोनी के मुख्य आतिथ्य तथा खिलते फूल साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष श्री सुरेश भाटी के विशिष्ठ आतिथ्य में आयोजित किया गया!  जिसमें 58 से अधिक प्रबुद्ध साहित्यकार साथियों ने " पिता पूर्ण है इस जग में - ईश्वर है अपूर्ण " विषय पर अपनी अपनी प्रबुद्ध रचनाएं प्रस्तुत की ! इस अवसर पर 15 प्रबुद्ध साहित्यकार साथियों को स्वर्गीय श्री रामजस जी सोडाणी स्मृति संस्थान भीलवाड़ा के मुख्य निदेशक डॉ अशोक सोडाणी द्वारा - " कोरोना योद्धा साहित्यकार सम्मान " भेंट किया गया !

निम्न वरिष्ठ साहित्यकार साथियों को - स्वर्गीय श्रीमान् रामजस जी सोडाणी स्मृति प्रबुद्ध राष्ट्रीय साहित्यकार सम्मान 2021 " वर्चुअल अभिनन्दन पत्र भेंट किया गया - श्री शिवरतन जी मोहता जयपुर, श्री राजेन्द्र जी गट्टानी भोपाल, श्रीमती मधु जी भूतड़ा 'अक्षरा' जयपुर, श्रीमती कलावती जी करवा कूचबिहार, श्रीमती सुनिता जी माहेश्वरी नासिक, श्रीमती सुमिता जी मून्धड़ा मालेगावं, सुश्री अनीता ईश्वर दयाल जी मंत्री अमरावती, श्री सतीश जी लखोटिया नागपुर, श्रीमती स्वाति सरु जैसलमेरिया जी जोधपुर, श्रीमती स्वाति जी मानधना बालोतरा, श्रीमती पूजा जी नबीरा काटोल नागपुर, श्रीमती डॉ. सूरज जी माहेश्वरी जोधपुर, श्रीमती राजश्री जी राठी आकोला, श्रीमती विनीता जी मालू निर्झर अजमेर,  श्रीमती सुनिता जी हेड़ा जोधपुर !


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बड़े धूमधाम से मनाया गया 14 मई 2021 को फेसबुक पर माहेश्वरी साहित्यकार  मंच  का उद्घाटन समारोह,

साहित्य एक नज़र 🌅 , शनिवार , 15 मई 2021

माँ शारदे को आत्मिक वंदन, भगवान महेश की अनुकंपा से हिंदू संस्कृति के विशिष्ट पर्व आखातीज़ के शुभ अवसर पर तारीख 14 मई 2021, शुक्रवार को माहेश्वरी साहित्यकार सोशल मीडिया के फ़ेसबुक मंच पर मनाया अपना उद्घाटन समारोह, अपने मन के भावों के उपवन को खूब सुन्दर सजाऐं,  माहेश्वरी साहित्यकार फेसबुक के पटल को महकाऐं।
इस कार्यक्रम में आ. श्यामसुंदर माहेश्वरी जी,आ. मधु भूतड़ा'अक्षरा'जी , आ. कलावती कर्वा जी , आ. स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया जी, आ. सतीश लाखोटिया जी उपस्थित रहें , देश-भर के साहित्यकारों ने अपनी काव्य पाठ वीडियो के माध्यम से किए ।।

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बुढ़ापा ( कविता )
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12/12/2014

जिंदगी की बिसात पर बूढ़ापे को मात दे रहे हैं
अपने अपनों के सहारे की लालसा हैं
बस चाह है ऐसी अब तो उनकी चाह में
अपनी सब जयजाद दे रहें हैं
किसी को ज़मीन चाहिए तो किसी को ज़र
हर बाजी़ पर अब तो दांव खेलते हैं
कल तक मोहरे भी उनके थे बाज़ी भी उनकी
बाज़ी जब पलटी कुछ न आया हाथ
एक लाठी का सहारा लिए हुए बस
अपनों की बाट जोह रहे हैं
झुर्रियो भरी धुधंली आंखों से टकटकी लगाये
कांपते शरीर से, भर्राये गले से
अपनी मौत को आवाज़ दे रहे हैं
न दौलत की चमक है न जोश जवानी का
ये कैसी जिंदगी की सच्चाई हैं
अब उन्हें इस मोड़ पर अहसास हुआ
जिसमें मौत का खौफ भी हैं
और जीने की चाह भी हैं
न जाने क्यों  जीने की सौ बरस चाह लिए
ये बैसाखियों भरी ज़िन्दगी को आवाज़ दे रहे हैं..!!

✍️  दिलशाद सैफी
पता - रायपुर, छत्तीसगढ़

🌅 साहित्य एक नज़र  🌅
15/05/2021 , शनिवार
Sahitya Eak Nazar
15 May , 2021 , Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

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🏹रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य🏹

1:~लंका में राम जी = 111 दिन रहें।
2:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं।
3:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है।
4:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है।
5:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है।
6:~मानस में सोरठा संख्या = 207 है।
7:~मानस में छन्द संख्या = 86 है।

8:~सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का।
9:~सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में।
10:~मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी।
11:~पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी।
12:~रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला।
13:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला।
14:~सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ।

15:~नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं।
16:~त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं।

17:~विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए।
18:~राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में।
19:~रावण को जिन्दा किया = सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर।

श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था?
नहीं तो जानिये-
1 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए,
2 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए,
3 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे,
4 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था,
5 - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की |
6 - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,
7 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,
8 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,
9 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए,
10- अनरण्य से पृथु हुए,
11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,
12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,
13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,
14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,
15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,
16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,
17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,
18- भरत के पुत्र असित हुए,
19- असित के पुत्र सगर हुए,
20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,
21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,
22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,
23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे |
24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है |
25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,
26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,
27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,
28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,
29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए,
30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,
31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,
32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,
33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,
34- नहुष के पुत्र ययाति हुए,
35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,
36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,
37- अज के पुत्र दशरथ हुए,
38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए |
इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवीं (39) पीढ़ी में श्रीराम जी का जन्म हुआ |

🙏🙏

ज्ञान की बात
आपके साथ ।

🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
मो :- 6290640716

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अंक -5
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अंक - 4

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अंक - 6
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महासचिव

बजरंग लाल केजडी़वाल 'संतुष्ट',
सचिव, साहित्य संगम संस्थान असम इकाई
आहुति विमोचन
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निवेदक,
बजरंग लाल केजडी़वाल 'संतुष्ट',
सचिव, साहित्य संगम संस्थान असम इकाई🙏👍🕉️❤️🇮🇳

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काव्य मंच
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YouTube
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पश्चिम बंगाल
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कविता
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रोशन कुमार झा
कविता :- 19(97)
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 5
कविता , 2021, कविता :- 19(97) से

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कविता :- 19 (97)
दिनांक :- 15/05/2021
दिवस :- शनिवार

मैथिली कविता

मैथिली सीखूं , मिथिलाक्षर लिखूं ।

योअ अहाँ मिथिला के छी
तहन मैथिली सीखूं ,
और मिथिलाक्षर में लिखूं ।

ख़ुद करूं मिथिलाक्षर में
लिखिकऽ प्रयास ,
फेर सँ बनाबूं अप्पन
मिथिलांचल के
नव इतिहास ।।

अपनाउ मिथिलाक्षर ,
चाहे रहूं कलकत्ता , मुंबई
दिल्ली शहर ।।
भविष्य करूं रोशन
हटावूं अंधकार ,
तहन मिथिलाक्षर सीखअ
पर अप्पने के की अछि विचार ।।

✍️ रोशन कुमार झा

     कोलकाता

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कविता :- 19 (97)
दिनांक :- 15/05/2021
दिवस :- शनिवार

हम विनती करैत छि भैया बाबू .

हम गंगाराम
विनती करैत छि अहाँ सभ सँ
भैया आर बाबू .
सभ गोटेक मिलकअ
बदलाव लाबू .
छोयल देवनागरी लिपि
वैदेही लिपि में आबू ।
असमिया, उड़िया और
बांगला लिपियों कऽ जे
जननी छैय
ओकरा फेर दोहराबूं .
करूँ मार्ग रोशन बाल बच्चा के
उनकरा के मिथिलाक्षर सीखाबू .
हम सभ गोटेक मैथिल
मिथिलाक्षर के गुण गाबूं ,
तहन लगाकर क़ाबू .
हम अहाँ भाई बहिन, काका काकी
भैया आर बाबू ,
मिथिलाक्षर सीखकअ
और सभ कऽ सीखाबू ..

*****    गंगाराम कुमार झा
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी बिहार
15/05/2021 , शनिवार , कविता :- 19 (97)
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छि - छी होता
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कविता , 2021, कविता :- 19(97) से, एल्बम बनाएं
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