साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 83 , रविवार , 01 अगस्त 2021 ,
अंक - 83
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
साहित्य एक नज़र अंक - 83 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -
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मात्र - 15 रुपये
अंक - 80 , 81 , 82 , 83 , 84 , 85 , 86
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अंक - 83
1 अगस्त 2021
रविवार
श्रावण कृष्ण 8
संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण - पत्र - 4
कुल पृष्ठ - 6
अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस
सहयोगी रचनाकार व साहित्य समाचार -
1. आ. साहित्य एक नज़र 🌅
2. आ. समभाव के प्रतीक-अमर क्रांतिकारी उधम सिंह - आ. डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित जी
3. आ. मैथिली कविता -अजगुत शवयात्रा - आ. प्रवीण झा जी
4. आ. सुनील कुमार सिंह "सुगम " जी
5. आ. भीम कुमार जी , गांवा, गिरिडीह, झारखंड
6. आ. महाकाल काव्य वृष्टि काव्य संग्रह - विमोचन
7.आ. रोशन कुमार झा ( अभिव्यक्ति मित्र रत्न सम्मान )
8. आ. *एक नई पहल- नई उमंग के संग*, नई उमंग परिवार - तबरेज़ अहमद जी
9. आ. ज्योति सिन्हा जी , happy friendship day
10. आ. श्रीकांत राय भट्ट जी
खुसरूपुर पटना , बिहार।
11. आ. डॉ. अनिल शर्मा 'अनिल' जी
धामपुर उत्तर प्रदेश
🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
145. आ. श्रीकांत राय भट्ट जी
खुसरूपुर पटना , बिहार।
अंक - 83 , 01/08/2021
अंक - 80 , 81 , 82 , 83 , 84 , 85 , 86
के लिए रचनाएं व अन्य कलाओं सादर आमंत्रित -
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अंक - 70 - 75
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सम्मान पत्र - 1 - 80
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सम्मान पत्र - 79 -
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फेसबुक - 1
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फेसबुक - 2
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हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्व साहित्य संस्थान वाणी - गुरुवार
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 83
Sahitya Ek Nazar
1 August , 2021 , Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्व साहित्य संस्थान वाणी
-----------------
आ. ज्योति झा जी
संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका
आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम " जी
संपादिका
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई
अंक - 77
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/77-26072021.html
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कविता :- 20(69)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2069-26072021-77.html
अंक - 78
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/78-27072021.html
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कविता :- 20(70)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2070-27072021-78.html
अंक - 79
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/79-28072021.html
https://imojo.in/3WR4wv
https://online.fliphtml5.com/axiwx/sufi/
कविता :- 20(71)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2071-28072021-79.html
अंक - 80
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/80-29072021.html
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Hindi - 5
https://online.fliphtml5.com/axiwx/jkdc/
कविता :- 20(72)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2072-29072021-80.html
अंक - 81
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/81-30072021.html
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Roll no - 2117-61-0012 , Reg no - 117-1111-1018-17 , Roshan Kumar Jha
Hindi - 6
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University of Calcutta
Surendranath Evening college Kolkata
कविता :- 20(73)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2073-30072021-81.html
अंक - 82
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/83-31072021.html
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Roll no - 2117-61-0012 , Reg no - 117-1111-1018-17 , Roshan Kumar Jha
Hindi - 7
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University of Calcutta
Surendranath Evening college Kolkata
कविता :- 20(74)
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अंक - 83
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/83-01-2021.html
कविता - 20(75)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2075-01082021-83.html
अंक - 84
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कविता :- 20(76)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2076-02082021-84.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3
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मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html
सम्मान पत्र
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सम्मान पत्र
प्रमाण पत्र संख्या - 146
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विश्व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3
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अंक - 59
Thanks you
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जय माँ सरस्वती
अंक - 70 , 71 , 72 , 73 , 74 , 75
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सम्मान पत्र - 1 - 80
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http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/36-15062021.html , अंक - 36
79 -
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सम्मान पत्र - 79 - 145
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सम्मान पत्र , प्रमाण पत्र संख्या - 146
अंक - 84 , महाकाल काव्य संग्रह
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-02-2021-146.html
, 02/08/2021 सोमवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-2-2021-146.html
दिनांक :- 29 जुलाई 2021 से 04 अगस्त 2021 तक
गुरुवार से बुधवार तक
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं व बिना मतलब के स्पेस ( अंतराल ) वाली रचनाओं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
शब्द सीमा - 300 - 350
सूचना - साहित्य एक नज़र 🌅 पत्रिका में प्रकाशित करवाने हेतु सहयोग राशि -
एक रचना 16 - 20 पंक्ति अन्य विधा शब्द सीमा - ( 300 - 350 ) - 15 रुपये
एक महीना में दस अंक में दस रचनाएं
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आप किसी को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी पत्रिका के माध्यम से दे सकते है ।
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सहयोग राशि जमा कर स्कीन शार्ट व रसीद 6290640716 पर भेजें ।
आपका अपना -
✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संपादक / संस्थापक
साहित्य एक नज़र 🌅
मधुबनी इकाई - মিথি LITERATURE ,
मिथि लिट्रेचर साप्ताहिक - मासिक पत्रिका ( मंगलवार ),
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका - मासिक पत्रिका )
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Roll no - 2117-61-0012 , Reg no - 117-1111-1018-17 , Roshan Kumar Jha
Hindi - 8
University of Calcutta
Surendranath Evening college Kolkata
01/08/2021 , Sunday
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अंक - 83
जय माँ सरस्वती
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1 अगस्त 2021
रविवार
श्रावण कृष्ण 8
संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण - पत्र - 7 - 8
कुल पृष्ठ - 9
13:15 , 14:23
रोशन कुमार झा
Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 83
Sahitya Ek Nazar
01 August 2021 , Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
77/ R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
---------
अंक - 82
जय माँ सरस्वती
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Hindi - 7
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University of Calcutta
Surendranath Evening college Kolkata
अंक - 82
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अंक - 82
31 जुलाई 2021
शनिवार
श्रावण कृष्ण 8
संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण - पत्र - 7 - 8
कुल पृष्ठ - 9
सदीनामा पत्रिका
समभाव के प्रतीक-अमर क्रांतिकारी उधम सिंह -
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक उधम सिंह प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे जिन्होंने हमें अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद कराया। 26 दिसम्बर 1889 को जन्मे उधम सिंह ने पंजाब के अंग्रेज गवर्नर को लंदन में गोली मार दी थी। जलियावाला बाग के ह्रदय विदारक हत्याकांड का बदला लेने के लिए उन्हीने जनरल डायर को लंदन में गोली चलाई थी। वे निर्भीक देशप्रेमी क्रांतिकारी थे जिनका एक ही उद्देश्य था भारत को आज़ाद कराना। इनके बचपन का नाम शेर सिंह था। पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गाँव के उधम सिंह ने इतिहास में नाम अमर कर दिया। माँ पिताजी के निधन के बाद उधम खालसा के अनाथालय में रहे। वहाँ से वे उधम सिंह कहलाये। उन्होंने अंग्रेजों को सबक सिखाया। जब जनरल डायर ने असंख्य लाशें बिछा दी थी ये सब निर्दोष थे। आदमी बारूद के ढेर से उड़ा दिए गए। 21 मार्च को इन्होंने डायर को गोली से मार दिया। स्वयं को आत्म समर्पण कर दिया था। 31 जुलाई को इन्हें फाँसी दी गई। सारे देश मे उस दिन उधम सिंह का जयकारा लगा।अमर शहीद उधम सिंह की जय से आसमान गूँज गया था। वे देश मे समभाव प्रतीक थे।इसलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया था जो भारत के 3 प्रमुख धर्मो का प्रतीक है। राम - हिन्दू,मोहम्मद- मुस्लिम, सिंह -सिख। 1919 में उधम सिंह ने अनाथालय छोड़ा था वे क्रांतिकारियों से मिले और हमे आजादी दिलाई। अनाथ होने पर भी वे तनिक भी विचलित नहीं हुए। महान क्रांतिकारी स्वत्रंतता संग्राम के महानायक को उनकी वीरता शौर्य साहस के लिए सदैव याद करते हुए आओ हम सभी उनको कोटि कोटि नमन करें। उनकी देशभक्ति हमें प्रेरणा देती रहेगी।
- डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित
कवि,साहित्यकार
मैथिली कविता -
★अजगुत शवयात्रा ★
परहुआ कक्का चली बसला आई
सगरो गाम में शोर भ गेल,
हुनक शवयात्रा में छलउ
दुनु -परानी हमहूँ गेल।
मुदा इ की?
सब घरवारी मुदित छैथ,
किनको नै छैन
कक्का के कमिक आभाष।
गाजा -बाजा बाजी रहल अछि,
धिया-पुता नाची रहल अछि।
पान-गुटका दकरैत सब शवयात्री ,
पहुँचल बुरिहिया गाछी।
एम्हर अचिया सजी रहल छल,
उम्हर तासक चौकड़ी जमी रहल छल।
किछ गोटा ऐगो कोन में,
मदिरा सेहो परैस रहल छल।
हँसी -ठिठोली सा सगरो बुरिहिया गाछी
गुइंज रहल छल चहुओर,
देखिका गिरैत मानवता के
आँखि सँ बहए लागल नोर।
जानवरों सा बत्तर बनल इंसान!
देखु-देखु हे भगवान!!
✍️ प्रवीण झा
अंक--83 रविवार 01अगस्त के लिए
प्रथम प्रतिनिधि .
हे प्रकृति प्रथम प्रतिनिधि पत्नी रति!
तुम सम्पूर्णा सर्वांगी सास्वती !!
सर्जना सुजस हो सृष्टि में तुम्हीं!
माता ममता मृत्युंजय मंत्र तुम्हीं!!
साजन का संसार सहज सेवा करती!
मायके की माया मन-मंदिर बसाती!
आंचल अमरपाल की तेरी छाँव!
प्राणियों के प्रवृत थकान पराव !!
सलज्ज सहिष्णु साधित है सम्पन्न सील!
करती सुसंस्कृत समुन्नत दोनों कुल!!
✍️ सुनील कुमार सिंह "सुगम "
"01/08/021
मैं लिपिहीन भाषा हूँ
मैं एक लिपिहीन भाषा हूँ
जो सन्नटे में गूंजता हूँ।
प्रार्थना के स्वर की तरह
कभी कभी तुम्हारे मन्दिर में
पर कभी कभी कई आवाजें
गूँज उठती है साथ साथ
कि तुम मुझे लिपिबद्ध करो
नहीं तो दब जाउंगी
जोरों के कोलाहल में
शोर कोलाहल से भयभीत
पीड़ा घृणा तिरस्कार के अहसासों
से भरी आवाजें जिसे सुनने के लिए
कोई तैयार नहीं होता मैं सुनता हूँ
मैं लिपिहीन हूँ
पर लिपिबद्ध करता हूँ
उन आवाजों को
जो शोरों के बीच दबती
अपने आपको महसुसती है।
✍️ श्रीकांत राय भट्ट
खुसरूपुर पटना , बिहार
अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस पर
मित्र भाव
एक दिवस,मित्रता दिवस
लगता है कितना बेमानी।
मित्र और मित्रता के हित
होती मित्रों की जिंदगानी।।
सुख दुख होते सारे साझा,
एक दूजे का मन जाने।
मित्र भाव में रहे समाहित
रिश्ते कितने अनजाने।।
कृष्ण-सुदामा, केवट-रामा,
महाराणा और भामाशाह।
मित्र भाव से पाई सहज ही,
एक सफल जीवन की राह।।
मित्र भाव की महिमा अनुपम,
इसको सब न समझ पाए।
विद्वतजन भी सदा बताते,
मित्र विहीन न सुख पाए।।
निश्छल,निर्मल भाव मित्रता,
इसमें कपट न कभी लाना।
मित्र बने जो,मिले कभी जो,
उनको कभी न बिसराना।।
✍️ डॉ. अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर उत्तर प्रदेश
साहित्य के क्षेत्र मे विशिष्ट पहचान।
साहित्य एक नज़र कोलकाता की शान।
🌹🌹🌷🌷
✍️ भीम कुमार ,
गांवा, गिरिडीह, झारखंड
कविता:- 20(75)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता :- नया करो ।
पुरानी यादों में न गया करो ,
ज्येष्ठ , श्रेष्ठ मित्रों पर दया करो ।
दया करके कुछ नया करो ,
अब न पीछे की यादों में गया करों ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(75)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
01 अगस्त 2021 , रविवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 83
Sahitya Ek Nazar
01 August 2021 , Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
Part - 3 Exam
Roll no - 2117-61-0012 , Reg no - 117-1111-1018-17 , Roshan Kumar Jha
Hindi - 8
University of Calcutta
Surendranath Evening college , Kolkata
साहित्य एक नज़र 🌅 की प्रस्तुति -
महाकाल काव्य वृष्टि
काव्य संग्रह
संपादिका - ज्योति सिन्हा
विमोचन :- 2 अगस्त 2021 , सोमवार
*एक नई पहल- नई उमंग के संग*
नई उमंग परिवार , हिंदुस्तान द्वारा 03/08/2021 को 'तबरेज़ अहमद'जी के नेतृत्व में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है |जिसकी अध्यक्षा 'सरिता जैन' जी तथा मुख्य अतिथि 'राजेश कुमार 'तन्हा' जी होंगे| *"रिमझिम बरसता सावन"* विषय पर आयोजित काव्य गोष्ठी के मुख्य संचालक 'सुरज शर्मा'जी तथा 'रीता प्रधान' जी व 'तमन्ना गोयल' जी द्वारा संचालित किया जाएगा| गोष्टी की संपूर्ण व्यवस्था को देखते हुए 'संस्कार अग्रवाल' जी शुरू से अंत तक सम्मेलन में बने रहेंगे |
इस काव्य गोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन गूगल मीट द्वारा किया जाएगा|
इस संस्था का मुख्य उद्देश्य हिंदुस्तान की हर छोटी-बड़ी जगहों के रचनाकारों को एक मंच प्रदान करना तथा उनकी अभिव्यक्ति को सभी तक पहुंच जाना हैं| यह मंच इस नई पहल के तहत साहित्य जगत में अपनी और अपने परिवार से जुड़े सभी लोगों को एक नई पहचान देना चाहता हैं| अतः अधिक से अधिक लोग कार्यक्रम में भाग लेकर इस कार्यक्रम को सफल बनावे |
निवेदक
*नई उमंग परिवार*
कार्यक्रम आयोजक
9711599875
तबरेज़ अहमद