साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 54 , शनिवार , 03/07/2021

साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 54
https://online.fliphtml5.com/axiwx/jkqf/
अंक - 53
https://online.fliphtml5.com/axiwx/usjk/

अंक - 52
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ucgf/

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )
https://online.fliphtml5.com/axiwx/uuxw/

अंक - 51
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ruci/

अंक - 50
https://online.fliphtml5.com/axiwx/crej/

मधुबनी - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ncvw/

https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320129459790110/?sfnsn=wiwspmo

https://online.fliphtml5.com/axiwx/zpvc/
अंक - 49
https://online.fliphtml5.com/axiwx/phxo/


जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 54
3 जुलाई  2021
शनिवार
आषाढ़ कृष्ण 9 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र - 9 - 10
कुल पृष्ठ - 11

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक

मो - 6290640716

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
110. आ. राजीव भारती जी
पटना बिहार गृह नगर
111. आ. अशोक शर्मा जी, कुशीनगर ,उ.प्र

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 54 से 58 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 49 से 53
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 45 - 48
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/314455886983861/?sfnsn=wiwspmo

मधुबनी इकाई अंक - 2
https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320660943070295/?sfnsn=wiwspmo

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3 के लिए रचना यहां भेजिए -
https://m.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1114746008933985/?sfnsn=wiwspmo

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी - 1

https://www.facebook.com/groups/978836735882669/permalink/1251279588638381/

विश्व साहित्य संस्थान वाणी
अंक - 2  -
https://www.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1110843755990877/

https://www.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1113416175733635/?sfnsn=wiwspmo

माँ सरस्वती 🙏 साहित्य एक नज़र 🌅 को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्य प्रेमियों को सादर प्रणाम 🙏 , साहित्य एक नज़र 🌅 के यूट्यूब चैनल पर आप अपनी काव्य पाठ करते हुए का  वीडियो बनाकर अपलोड करा सकते है - अपलोड करने के लिए आपको अंक वाली पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में भेजने के साथ साथ 6290640716 ( वॉट्सएप ) पर भेजना है ।

भजन का प्रतीक चित्र नृत्य- संगीत - "नारदी" संगीत
भवदीय आ. अजय कुमार झा जी
https://youtu.be/QRbKpOsN70g

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320947743001342/?sfnsn=wiwspmo

धन्यवाद सह सादर आभार

आपका अपना
रोशन कुमार झा
शनिवार, अंक - 54
03/07/2021

फेसबुक - 1

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1146700469176839/

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1146690872511132/

फेसबुक - 2

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1146690872511132/

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/321085916320858/?sfnsn=wiwspmo


https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/321096769653106/?sfnsn=wiwspmo

साहित्य एक नज़र
https://youtube.com/shorts/SZqpF67YrnA?feature=share

https://youtu.be/K17jcEVWE30

-----------------


साहित्य संगम संस्थान

https://youtu.be/yctgyaBHGyU

https://youtu.be/eKXALjmExDc

रोशन कुमार झा
https://youtu.be/GCdTyK_PQJo

आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 54 , शुक्रवार
03/07/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 54
Sahitya Ek Nazar
03 July ,  2021 , Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

_________________

रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका



आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई


भजन का प्रतीक चित्र नृत्य- संगीत - "नारदी" संगीत
भवदीय आ. अजय कुमार झा जी

साहित्य एक नजर 🌅
अंक - 54 से 58
विषय- सांस्कृतिक आलेख.
दिनांक- 3/7/2021.
             *       
मिथिलांचल(मुरादपुर) का "नारदी" संगीत :: भारतीय संस्कृति का धरोहर. उमेश झा एवं यशोधरठाकुर श्रुत संस्मरण एवं अन्वेषण आधारित.

अनुभव, श्रुति और परम्परागत लोक संस्कृति की भावाभिव्यक्ति शैली में मुरादपुर का नारदी भजन मानव मन की अन्तर्मुखी प्रवृत्ति - मूलक प्रेरणाओं के नाद का संगीत है.छ: राग और छत्तीस रागनियों की परंपराओं,संस्कृतियों और संस्कारों की कड़ी में अन्यत्र दुर्लभ यह ऐतिहासिकता में एक और छंद जोड़ता है.इस विधा की उपस्थापना नारायण दत्त झा ने कृष्ण मंदिर स्थापना काल 1821 से पूर्व में की थी. इस गायन के गायकों में  इनके पौत्र रामकृष्ण झा 51 सदस्यीय ग्रामीण मंडली के प्रमुख माने जाते हैं. बलदेव झा     नारदी भजन के सर्वश्रेष्ठ रचियता और गायक हुए.आज जिनके पौत्र ललित कुमार झा सर्व श्री गुलाब ठाकुर,मोहर ठाकुर, विजय ठाकुर, दिवाकर ठाकुर, ललन ठाकुर, साजो,कारी दास प्रभृत सभी वर्ग एवं वर्ण के अनेक ग्रामीण पीढ़ियां इस परम्परा में अपना योगदान दे रहे हैं. इसमें भोला ठाकुर के सभी भाइयों का विशिष्ट योगदान रहा है. यह 'नारदी' भजन शास्त्रीय विधा में भारतीय संगीत एवं कर्नाटक संगीत का अनूठा संगम है. इसमें नाद, स्वर और ताल मुखमुद्राओं, अंगहारों, शारीरिक हलचलों के माध्यम से अनेक रूप और भाव उभरते हैं.नाट्यशास्त्रीय दृष्टि से यह चक्रनृत्यऔर गोलनृत्य संयोजित अद्भुत शैली नृत्य लक्षण में अपूर्व समष्टि का बोध करवाने में सक्षम है.कथ्य के अनुपम अक्षरदेह आवेष्टित गीत-संगीत से श्रृंगारित पद्यावली केरल के सोपान संगीतम राग की शैली में अवरोह और आरोह के समान कुछ ‘स्वरों’ को स्थाई के रूप में स्वीकार करते हुए और अन्य से पूरी तरह से बचते हुए, संगीत का आरंभ विलम्बितकाल से होता है और धीरे-धीरे इसकी रफ़्तार बढ़ती जाती है और शिखर पर पहुंचने के बाद यह धीमी हो जाती है.तीन ध्वनियों- अब, उ, म् से उत्पन्न एक नाद ऊं का विशिष्ट 'योग' नृत्य - संगीत को वैदिक साहित्य के समकक्ष शीर्षस्थ आसन प्राप्त है. विद्वानों ने ऐसे लोकसाहित्य को "अपौरुषेय" की संज्ञा दी है. जनभाषा में वर्ण्य- वस्तु लोक- जीवन में गृहीत चरित्रों, भावों और प्रभावों को समेटे है. अभिव्यक्ति को अभिव्यज्य से जोड़ता रस प्रधान प्रमुख शिल्प- विधा निरभिमान, निर्व्याज और निसर्गोद्भूत हो,अपने उत्कर्ष पर है. इसमें नाद के चार भागों परा, पश्यन्ती, मध्यमा और वैखरी में से मध्यमा को स्वर का आधार माना गया है. यह विरल विधा सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए अनूठा और अद्भुत धरोहर है.

  लेखक -- ✍️ अजय कुमार झा.
पी एच डी (भौतिक शास्त्र) स्नातकोत्तर ( विधि शास्त्र), डिपलोमा डिग्री (रसियन भाषा एवं मास कम्युनिकेशन).
मुरादपुर, सहरसा (बिहार).

महोदय,
साग्रह निवेदन है कि यदि मेरे आलेख में नारदी भजन का प्रतीक चित्र यह नृत्य- संगीत समायोजित करना संभव हो तो इसका आभारी रहूंगा.
भवदीय,
अजय कुमार झा.

नमस्ते श्रीमन्,     अनुरोध के सकारात्मक प्रत्युत्तर हेतु आत्मिक आभार आपका.  भवदीय,                                   अजय कुमार झा

साहित्य एक नज़र 🌅
अंक - 54
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/54-03072021.html

नई उमंग - साहित्य संगम संस्थान
https://online.fliphtml5.com/axiwx/srng/

https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/600378914263698/?sfnsn=wiwspmo

कविता :- 20(46) , शनिवार , 03/07/2021 , अंक - 54

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2046-03072021-54.html


अंक - 55
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/55-04072021.html

कविता :- 20(47) ,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2047-04072021-55.html

अंक - 56
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/56-05072021.html

कविता :- 20(48)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2048-05072021-56.html

अंक - 57
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/57-06072021.html

कविता :- 20(49)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2049-06072021-57.html

अंक - 58
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/58-06072021.html

कविता :- 20(50)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2050-07072021-58.html

अंक - 53
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html

कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html






विषय- "सफेद लिबास पहना है खुदा ने"
दिनांक- १/७/२०२१
विधा-

कविता
" सफेद लिबास पहना है खुदा ने "

डॉक्टर इस धरा पर,
साक्षात भगवान है,
मरते को जीवन देना
,उनका नेक काम है।
हमारे लिए तो वो सदैव,
पूजनीय होते हैं,
उनका स्वरूप धरा पर
,भगवान का दूसरा रूप है।
जैसे जीवन -मृत्यु ,भगवान
के हाथों में है,
वैसे ही हमें रोग मुक्त करना,
डॉक्टर्स के हाथों में हैं।
डाक्टर रात दिन अपनी,
सेवा हमें देते हैं,
हम-सब उनके उपकारों, को
कभी नहीं भूल सकते हैं।
कोरोना महामारी में तो ,डॉक्टर ने
भगवान की भूमिका निभाई है,
अपनी सेवा भाव से ,उन्होंने
लाखों की जान बचाई है।
अपनी सुखचैन को छोड़,
रात दिन सेवा में लगाया है,
यूं लगता है,'सफेद लिबास पहना
है खुदा ने",चला आया है।
डॉक्टर्स के इस सेवा भाव को ,
हम शत- शत नमन करते हैं,
सफेद लिबास में खड़े,धरा के
साक्षात प्रभु के दर्शन हम करते हैं।

✍️ रंजना बिनानी "काव्या"
गोलाघाट असम

" माँ "

माँ तेरे लिए  मैं 
शब्दों के फूल लायी हूँ ,
ला तेरे बालों में लगा दूँ ।
जैसे फूलों की माला
करता कोई अपने इष्ट को अर्पण,
वैसे ही शब्दावलि से अपने,,,
तेरी तस्वीर सजा दूं।
नहीं कह सकी , जब तू मेरे पास रही ।
करती रही मन से ही प्रेम तुझको;
शब्दों में नहीं ढाल पाई।
तू मेरे लिए बहती धार थी,
जीवन मरू में सरसब्ज थी।
मैं उसमें ही बहाती रही ,,,
अपने जीवन के कटु क्षण;
अपनी आकांक्षा,
अपनी व्याकुलता,
तेरे होने से जैसे , मुझमें भर जाती थी।
अनन्त ऊर्जा, मेरे अन्तस में;
असीमित साहस।
मैं सबल थी , जब तू मेरे पास थी।
पर तुझसे मांगती थी तेरा बङप्पन।
तू सो गई है चिर निद्रा में;
बाट जोह रही मैं तेरे
जागने की प्रतिक्षा में।
आ तुझसे प्रीत बांट लूँ ,
तुझे खुद में ही ढूंढ लूं।
माँ तेरे लिए  मैं शब्दों के फूल लायी
ला इससे सुन्दर गजरा बना दूँ ।
तेरे हंसते चेहरे की नूर बढा दूँ।
तेरी एक सुन्दर तस्वीर बना दूँ। ।
मां तेरे लिए शब्दों के फूल लायी हूँ ,
आज इससे तेरी तस्वीर सजा दूँ।

   ✍️ डॉ. पल्लवी कुमारी " पाम "

स्वामी विवेकानन्द जी
12 जनवरी 1863 - 4 जुलाई 1902

* राष्ट्र के गौरव स्वामी विवेकानन्द *

भारत की पावन माटी में, हुए अनेकों संत। एक उन्हीं में उज्ज्वल तारा, हुए विवेकानन्द।। भारत के महान दार्शनिक, धर्मयोद्धा, राष्ट्र के गौरव, युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानन्द का नाम अग्रणीय है। स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता के एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। वे बहुत कुशाग्र बुद्धि के थे। स्वामी जी ने शास्त्रों का अध्ययन किया तथा पाश्चात्य विचारों से भी अपना परिचय बढ़ाया। ईश्वर के प्रति स्वामी जी के मन में अनुराग बढ़ता गया। 1881 ई० में स्वामी जी की भेंट स्वामी रामकृष्ण परमहंस से हुई। इस भेंट के परिणामस्वरूप स्वामी जी के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया। उन्होंने सम्पूर्ण देश की यात्रा की एवं देखा कि देश गरीबी, निर्धनता, दरिद्रता जैसी बुराइयों की जकड़ में है। उन्होंने देखा कि आध्यात्मिक प्रगति तब तक संभव नहीं है, जब तक भौतिक स्तर की कमजोरियाँ दूर न हो जायें। परिणामस्वरूप इस दिशा में कार्य किया। स्वामी जी को मात्र भारत का महान दार्शनिक कहना काफ़ी नही है, अपितु उनकी बहुआयामी प्रतिभा के आधार पर वे धर्मगुरु थे और एक समाज-सुधारक संस्था भी। स्वामी जी के प्रशंसनीय कार्य तथा प्रासंगिक विचार स्वामी जी को महानता की एक उच्च शिखर तक ले जाते हैं। स्वामी जी की ख्याति विश्‍व प्रसिद्ध है। 1893 ई० में स्वामी जी ने शिकागो सम्मेलन में भाग लेकर भारतीय अध्यात्म और संस्कृति को गौरवपूर्ण सम्मान दिलाया। स्वामी जी की इस अद्भुत अलौकिक विचारों से सम्पूर्ण विश्व में उनकी अमृतमयी कण्ठ से मधुर एवं सर्वप्रिय विचार की अलौकिक छाप प्रस्फुटित हुई और सम्पूर्ण मानव जगत के लिये पूज्य बन गए। स्वामी जी ने प्राच्य तथा पाश्चात्य, नदी के कभी न मिलने वाले दो किनारों को परस्पर मिलाने के लिये एक सेतु का काम किया।
स्वामी जी का निधन 39 वर्ष की अल्पायु में 4 जुलाई 1902 को पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ में ध्यान-मुद्रा के दौरान हो गया था। पूरी दुनिया वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानन्द को उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है।

✍️ देश दीपक
ईश्वरपुर साई हरदोई उत्तर प्रदेश

बचपन

बचपन होता है कितना मासूम,
छल - प्रपंच से एकदम अंजान।
जाति- पाति का भेद नहीं जाने,
मुखमंडल पर प्रतिपल मुस्कान।।
कभी रूठना और कभी मनाना,
झगड़ों का ख़ुद करते समाधान।
मिल जुलकर रहते हैं आपस में,
नहीं बघारते हैं कभी झूठी शान।।
मस्त मलंग सदृश उनका जीवन,
कटुता का अल्प मात्र नहीं भान।
फ़िक्र नहीं करते धूप बारिश की,
नहीं तनिक मन में हो अभिमान।।
जीवन हो कतिपय ही आनंदित,
सुख - दुःख का नहीं कोई ज्ञान।
हर्षित रहता सर्वदा ही तन-मन,
मोह-माया भी नहीं करें परेशान।।
नहीं घमंड अथवा लोभ मन में,
एक दूजे के प्रति मान -सम्मान।
रहें विरक्त संसार के उलझन से,
ऊंच नीच न कर पायें व्यवधान।।

✍️ राजीव भारती
पटना बिहार गृह नगर

जीवन में धैर्य जरूरी है

मानव जीवन मिला भाग्य से ,
अब क्रोध अगन हटाना है।
काँटो पर चल मिलती मंजिल,
बस धैर्य को अपनाना है।
एक एक पग चल करके,
मिलों का सफर कटाना है।
चींटी जैसे धैर्य रखकर,
भारी भरकम बोझ उठाना है।
सारी विपदाएं टल जाती,
जब हो मन में धैर्य अपार।
बंजर को भी जोते धैर्य से,
तो हो हरियाली अपरम्पार।
जब सब अपने साथ छोड़ दें,
दिखे ना कोई जब तुम्हारा,
एक धैर्य अगर साथ रहेगा,
देगा जीवन भर सहारा।
घबराने से होता है क्या,
मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
धैर्य रख , धराने से धैर्य,
महामारी भी मुँह छिपाती है।

✍️ अशोक शर्मा, कुशीनगर ,उ.प्र

वर्षा गीत

दे माई,  दे री, दे री जौ।
तेरे  द्वार पड़ेगी रौ।।
ताल तलैया सूखे सारे,
पीने का पानी भी कम।
सूखा न सह पाए मानुष,
रोज किसी से बिछुड़े हम।।
जैसी विपदा आज पड़ी है
ऐसा हाल कभी न हो।
दे माई, ..
धरती मैया प्यासी इतनी,
उसके तन पड़ गयीं दरारें।
प्यासा तन मन,प्यासा जीवन,
बदरा, बरसों यही पुकारे।।
करो हमारे संग प्रार्थना,
अब तो जमकर बारिश हो।
दे माई,...
मुंह पर स्याही,पोत के बच्चे
मांग रहे घर घर से भीख।
बदरा को मुंह चिढ़ा रहे हैं,
देना तू इन, मां से सीख।।
बरसा दे पानी ओ बदरा,
धरती के कण कण को धो।
दे माई, ...
दे दे माई राम नाम पे,
खुश होंगे भगवन अपने।
जल बरसेगा,फसल उगेगी,
होंगे पूरे सबके सपने।।
दादी बन पोतों संग खेलों,
अक्कड़ बक्कड़ बंबे बौं।
दे  माई,  दे री, दे री जौ।
तेरे  द्वार पड़ेगी रौ।।

✍️ डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर , उत्तर प्रदेश
             

शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন

🎁🎈🍰🎂🎉 💐🙏

साहित्यकार मित्र डॉ प्रमोद कुमार 'प्रेम' जी को जन्मदिन पर अनेकानेक बधाईयां एवं शुभकामनाएं
जन्मदिन शुभमस्तु
जन्मदिवस शुभकामना
करो मित्र स्वीकार।
जीवन पथ हो सुगम
कृपा रखें करतार।।
हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

✍️ डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'

शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন

🎁🎈🍰🎂🎉 💐🙏

भारत के प्रथम मतदाता आ. श्याम शरण नेगी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐

104 वें जन्मोत्सव - 1 जुलाई 2021 को
✍️  सपना  'नम्रता'
साहित्य एक नज़र 🌅

श्याम शरण नेगी

देव भूमि के  राजदुलारे
किन्नौरी जीवन  के प्रेरणा स्त्रोत
युवाओं के मार्गदर्शक
शान-ए-किन्नौर से सम्बोधित
जानता जिन्हें जग सारा
श्याम शरण नेगी नाम है प्यारा
प्यार से युवा किन्नौर के
दादा कहकर उन्हें बुलाते....
आज़ाद भारत के प्रथम मतदाता
सुन किन्नौर का  सिर उठ जाता
परछम जग में फहलाता
मातृभूमि का ..
हुआ कुछ यूँ था
आजादी के बाद 1951 में
पाया अधिकार मतदान का सबने
होती यहाँ भारी बर्फ़बारी
किन्नौर वासी हुए आभारी
छह माह पहले हुआ
यहाँ चुनाव पहला
तब श्याम शरण नेगी ने
पहला वोट डाला
अध्यापक पद पर आसीन थे तब वे 
सबसे पहले पहुँच मतदान किया
फिर चुनाव ड्यूटी निभाने
का काम किया
  103 साल पार कर चुके
   फिर भी जज्बा न हुआ कम
  मतदान का वही जोश
है अब भी उतना ही दम
जन-जन को भी देते यही संदेश
करे अपने मत का उपयोग निस्सन्देह
चुने सही उम्मीदवार
ताकि हो सके किन्नौर का,
देश का सुधार
तेज़ हो विकास की रफ़्तार।

   ✍️  सपना  'नम्रता'

आ. सुधीर श्रीवास्तव जी

https://www.facebook.com/100009028805792/posts/2806656046311995/?sfnsn=wiwspmo

वार्षिकोत्सव के प्रथम दिवस पर संस्थान की विशिष्ट पुस्तक "नई उमंग" का हुआ शानदार विमोचन

साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो जुलाई से चार दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ साहित्य संगम संस्थान के राष्ट्रीय उद्घोषक आदरणीय विनोद वर्मा दुर्गेश जी अध्यक्ष हरियाणा इकाई साहित्य संगम संस्थान के अथक परिश्रम द्वारा बहुत ही शानदार तरीके से संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश की कई बड़ी हस्तियों ने गणमान्य अतिथि व निर्णायक की भूमिका निभाई , जिसके अंतर्गत मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सचिव विधान परिषद् उत्तर प्रदेश आ० अशोक चौधरी जी पूर्व जनपद न्यायाधीश महोदय जी, विशिष्ट अतिथि के रूप में आ० प्रशांत करण जी पूर्व आईपीएस अधिकारी महोदय की उपस्थिति ऐतिहासिक रही। उद्धाटन समारोह के इस प्रथम दिवस पर साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के कुछ विशेष सम्माननीय संगम सारथियों के काव्य संग्रह "नई उमंग" पुस्तक का विमोचन मंचमणि डॉ श्रीनिवास शुक्ल सरस जी प्रतिष्ठित साहित्यकार सीधी के करकमलों होना बेहद ही खास रहा। आपको बताते हुए यह खुशी हो रही है कि साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली अपने किसी भी साहित्य साधक की साधना को खाली हाथ नहीं छोड़ती , जिसका उदाहरण यह पुस्तक "नई उमंग" साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के अग्रणी साहित्य साधकों के काव्य संग्रह के रूप में आज साहित्य जगत के पुस्तकालय में शामिल हुई। यह पुस्तक अपने आपमें एक उत्कृष्ट पुस्तक है, जिसमें साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के सक्रिय कार्यकर्ताओं की सक्रियता का चित्र साफ झलकता है। उम्मीद है यह पुस्तक साहित्यिक गतिविधियों में अपना पूर्ण योगदान देगी। पुस्तक विमोचन के पर "नई उमंग" पुस्तक जो केवल पुस्तक नहीं बल्कि साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली की एक सशक्त टीम है , को आस्ट्रेलिया से आ० छगनलाल मुथा जी, मलेशिया से आ० अर्चना श्रीवास्तव जी, दुबई से इंजीनियरिंग विनय गौतम विनम्र जी व अमेरिका से दोहाशाला अधीक्षिका आ० अनिता सुधीर आख्या जी आदि अति विशिष्ट साहित्यिक हस्तियों का आशीर्वचन प्राप्त हुआ।

✍️ कुमार रोहित रोज़ जी
कार्यकारी अध्यक्ष
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅
बारिश 🌧️🌦️☔

वारिश की महीना आया है ,
जहाँ देखों पानी ही पाया है ।
घर से निकलने का
मन नहीं करता है ,
वारिश की बूंद भी अभी
तो भारी पड़ता है ।‌।
कोरोना काल है कहाँ पहले
जैसा गाड़ी चलता है ,
न हुए बारिश न होंगे उपज
इसके अलावा कौन पेट भरता है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(46)
रामकृष्ण महाविद्यालय,
मधुबनी , बिहार
03/07/2021 , शनिवार
Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 54
Sahitya Ek Nazar
03 July 2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

" किस ग़ुरूर में हो "

टूटने के लिए वज़ह ज़माना ही नहीं होता,
कभी अपनों के मुहब्बत ही तोड़ जाते हैं।
ख़ुशहाल थी दुनियां जिसकी दुवाओं से,
वसीयत उन दुवाओं में ज़हर घोल जाते हैं।
पहले माँ की गोदी का झगड़ा होता था,
आज उसकी गोदी में आसुँ जगह बना जाते हैं।
दुनियाँ को जिनकी आँखों से देखा था,
आज उनकी आँखें तुम्हें चुभन दे जाती हैं।
वो गुस्सा जो तेरे भाई को मुस्कुराती थी,
आज उन गुस्सों से नफ़रत सीख गए हो।
कलाई पर बहन की राखी तुम्हें याद नहीं रहती,
किस ग़ुरूर में अपना जीवन ढाल आए हो।

   कीर्ति चौधरी
ज़मानियाँ ,गाज़ीपुर( उत्तर प्रदेश)

फेसबुक - 1
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=805031307052945&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo

फेसबुक - 2
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=363323625219257&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo
साहित्य संगम संस्थान

https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1414797745557957/?sfnsn=wiwspmo



जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका का इकाई -
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका ) गुरुवार
अंक - 3
प्रकाशित होने की दिनांक :- 8 जुलाई 2021, गुरुवार
विषय :- बरसात 🌧️🌦️ ☔
विषय प्रदाता :- आ. आशीष कुमार झा जी
रचना भेजने की अंतिम तिथि - 06/07/2021
एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं व बिना मतलब के स्पेस ( अंतराल ) वाली रचनाओं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
शब्द सीमा - 300 - 350
किसी भी प्रकार की समस्या होने पर संपर्क करें -
6290640716

आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar, Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर - मधुबनी इकाई / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका ) गुरुवार
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई

लिंक -
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3 के लिए रचना यहां भेजिए -
https://m.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1114746008933985/?sfnsn=wiwspmo

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 2

https://www.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1113416175733635/?sfnsn=wiwspmo

মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर - मधुबनी इकाई

https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320660943070295/?sfnsn=wiwspmo

साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 54 - 58
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo




साहित्य संगम संस्थान के स्वर्णिम पाँच वर्ष पूरे होने पर पश्चिम बंगाल इकाई की ओर से अलंकरण कर्ता आ. स्वाति जैसलमेरिया जी

साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई


पश्चिम बंगाल इकाई

🙏🏻जय माँ शारदे 🙏🏻
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺अध्यक्ष महोदय एवं सभी पदाधिकारी गण और सभी साहित्यकारों को नमन करती हूं। 🙏
साहित्य संगम संस्थान के स्वर्णिम पाँच वर्ष पूरे होने पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देती हूँ।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई की ओर से अलंकरण प्रस्तुति

अलंकरण प्रभारी
स्वाति जैसलमेरिया

https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1961102960733265/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/yctgyaBHGyU

साहित्य संगम संस्थान पंचम वार्षिकोत्सव की पूर्व संध्या पर कुछ आवश्यक बातें राष्ट्रीय अध्यक्ष आ. राजवीर सिंह मंत्र जी 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏





परिकल्पना दिवस को सजाने और संवारने के लिए बधाई व आभार व्यक्त करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष आ. कुमार रोहित रोज़ जी
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/600450334256556/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/tez5bpJBj-Y

राष्ट्रीय अध्यक्ष आ . राजवीर सिंह मंत्र जी की प्रस्तुति - साहित्य संगम संस्थान

https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/600404647594458/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/sIXoxfZQf3w

ऑस्ट्रेलिया से छगनलाल मुथा जी की प्रस्तुति - स्वर्णिम पाँच वर्ष पूरे होने पर
🙏


https://youtu.be/IdscG_QXuXs


https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/600389494262640/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/Gou1g0F8RO0

निवेदक,

कविराज तरुण
महासचिव
साहित्य संगम संस्थान
https://youtu.be/eKXALjmExDc
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
रा. पंजी . संख्या एस 1801/2017 ( नई दिल्ली )
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के गौरवशाली पांच वर्ष (5-07-2021)

उत्तमचंद जैन
हैदराबाद
उपाध्यक्ष तेलंगाना इकाई
९३४६२५५६९४

https://youtu.be/8b3vIvmfc5c

https://www.facebook.com/100012727929862/posts/1257255988041987/?sfnsn=wiwspmo




https://youtu.be/20RKbjrSORE

https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1411337279237337/?sfnsn=wiwspmo

साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1955216687988559/?sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/100068603509879/videos/120933290203454/

https://youtu.be/74ZKEFsCThI

साहित्य संगम संस्थान

https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1414797745557957/?sfnsn=wiwspmo

#साहित्यसंगमसंस्थान
#विविधइकाइयां-समीक्षा

कोलफील्ड मिरर आसनसोल में प्रकाशित
10/05/2021 ,
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQfE3vhVZ6-0JptF4IuYuXrLi3EunAFNazn9N8k-e1Rfa1qfGZbYbFt_iyoplMdxyc6p4csuBagQIlWh1_Zy36mxy52i8gd8-sE9fflG8XNy5VI096SSvLJk3Sd52KeS03n0hcX0l1BMo/s2048/CFM+HINDI++++10.06.+2021+5.jpg

https://online.fliphtml5.com/axiwx/iqjc/

https://youtu.be/jmF43PF0wwU



https://coalfieldmirror.blogspot.com/2021/06/10-2021-coalfieldmirrorgmailcom.html?m=1


पश्चिम बंगाल

https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939031646273730/?sfnsn=wiwspmo

मुख्य मंच :-
https://m.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1399215700449495/?sfnsn=wiwspmo

पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1959393240904237/?sfnsn=wiwspmo





पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939470836229811/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 49 से 53
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo


https://youtu.be/-gxVYTWJQqU

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

https://youtu.be/zQNqhNv41kI

http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/54-03072021.html

https://youtu.be/QclxUs5c7P0
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आ. राजेश कुमार पुरोहित जी
- साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

अंक - 54
https://online.fliphtml5.com/axiwx/jkqf/

https://youtu.be/nxQxDu0-514
दिनांक - 03/07/2021
दिवस -  शनिवार
#साहित्यसंगमसंस्थान
यूट्यूब संचालक

रोशन कुमार झा
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई





साहित्य एक नज़र



Popular posts from this blog

साहित्य एक नज़र , अंक - 2 , बुधवार , 12/05/2021

07/05/2021 , शुक्रवार

08/05/2021-09/05/2021, विश्व न्यूज़ , गंगाराम कुमार झा, भोजपुरी , English poem , चल ममता सिंहासन खाली कर