साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 53, शुक्रवार , 02/07/2021

साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 53
https://online.fliphtml5.com/axiwx/usjk/

अंक - 52
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ucgf/

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )
https://online.fliphtml5.com/axiwx/uuxw/

अंक - 51
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ruci/

अंक - 50
https://online.fliphtml5.com/axiwx/crej/

मधुबनी - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ncvw/

https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320129459790110/?sfnsn=wiwspmo

https://online.fliphtml5.com/axiwx/zpvc/
अंक - 49
https://online.fliphtml5.com/axiwx/phxo/


जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 53
2 जुलाई  2021
शुक्रवार
आषाढ़ कृष्ण 8 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र - 6 - 7
कुल पृष्ठ - 8

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक

मो - 6290640716
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
108. आ. रीता झा  जी
109. आ. रीता मिश्रा तिवारी जी





सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 54 से 58 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 49 से 53
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 45 - 48
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/314455886983861/?sfnsn=wiwspmo

मधुबनी इकाई अंक - 2
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विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी - 1

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विश्व साहित्य संस्थान वाणी
अंक - 2 के लिए रचना यहां भेजें -
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फेसबुक - 1

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फेसबुक - 2

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साहित्य एक नज़र
https://youtube.com/shorts/SZqpF67YrnA?feature=share

https://youtu.be/K17jcEVWE30




साहित्य संगम संस्थान

https://youtu.be/eKXALjmExDc

रोशन कुमार झा
https://youtu.be/GCdTyK_PQJo

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फेसबुक - 2

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Ncc

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आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 53 , शुक्रवार
02/07/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 53
Sahitya Ek Nazar
02 July ,  2021 , Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

_________________

रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई




पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1959393240904237/?sfnsn=wiwspmo

         विश्व साहित्य संस्थान 

साप्ताहिक ई पुस्तिका अंक :- 2 , जुलाई 2020
विषय प्रदाता :- आ. आशीष कुमार झा
विषय          :- कोरोना से संबंधित रचनाएं व चित्र

सूचना :- हर एक रचनाकार एक भाषा में एक ही रचना साप्ताहिक ई पुस्तिका अंक :- 2 , जुलाई 2020, चाहे तो वे एक हिन्दी, तो एक मैथिली और भी भाषा में भेज सकते है ।
रचनाएं तीन जगह भेजनी है ।:-

27/06/2020 से 30/06/2020 तक

(1) वॉट्सएप समूह पर
(2) फेसबुक मंच पर कमेंट बॉक्स में दें ।
(3) vishshahity20@gmail.com पर तब ही ई पुस्तिका में प्रकाशित होगी ।

रचना के अंत में
नाम :-
पता :-
मो :-
फोटो :-

के साथ मौलिकता प्रमाण पत्र ज़रूर दे । मौलिकता प्रमाण पत्र इस प्रकार होनी चाहिए, चाहे तो आप इसे ही कॉपी करके भेज सकते है ।

                मौलिकता प्रमाण पत्र । :-
-----------------------------------------------------------------------
यह रचना हमारी मौलिक व स्वरचित है, इसे विश्व साहित्य संस्थान से आयोजित अंक-2 जुलाई - 2020  ई पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति प्रदान करता / करती हूं ।।

-----------------------------------------------------------------------
मौलिकता प्रमाण पत्र , आप किसी भी भाषा में दे सकते है, निज भाषा में भी ।

आप लोग भी विषय दें सकते है, विषय देकर आप लोग भी विषय प्रदाता बन सकते है ।

धन्यवाद सह सादर प्रणाम 🙏💐💐💐🙏💐🙏🙏

            विश्व साहित्य संस्थान

अंक - 49

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/49-28062021.html

कविता :- 20(41)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2041-49-28062021.html

अंक - 50 , साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
अंक - 1

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/50-1-29062021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/crej/

https://online.fliphtml5.com/axiwx/zpvc/

मधुबनी - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ncvw/

https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320129459790110/?sfnsn=wiwspmo

https://online.fliphtml5.com/axiwx/zpvc/

कविता :- 20(42)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2042-50-29062021-1.html

अंक - 51
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/51-29062021.html

कविता :- 20(43)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2043-30052021-51.html

अंक - 52 , विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/52-01072021-2.html

http://vishshahity20.blogspot.com/2021/06/52-2-01072021.html

कविता :- 20(44)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2044-01072021-2.html

अंक - 53
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html

कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html

कविता :- 20(39)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2039-26062021-47.html

अंक - 48
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/48-27062021.html

कविता :- 20(40)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2040-27062021-48.html



जन्मदिन की बधाई

बधाई हो बधाई
शुभ घड़ी
है आज आई
01, जुलाई , 2021को
जन्मदिन की बधाई
उत्तरप्रदेश के
गोण्डा जनपद को
पावन आज करा
कायस्थ जाति मे जन्में आप
ध्रुव तारे की तरह चमको हमेशा
बधाई हो बधाई
जन्मदिन की बधाई
साहित्य मे हो निपुण आप
मिला आपको
सम्मान पर सम्मान
आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव जी
को बधाई हो बधाई
निरंतर प्रगति करते
रहे जीवन में
बधाई हो बधाई
इस जीवन मे करें नेक काम
खुशियां मिले अपार
हमारी ओर से यही शुभकामनाएं
और बधाई हो बधाई

✍️ शिवशंकर लोध राजपूत
(दिल्ली)
व्हाट्सप्प no. 7217618716


           बलात्कार

ज्येठ महीने की थी बात ,
भीषण गर्मी की थी रात।
स्कूल हमारे बंद हुए थे,
थक के हम भी चकनाचूर हुए थे।
मानव रूपी भेड़िया आया,
उस वहसी को तरस ना आया।
मैं छोटी बच्ची लाचारी थी,
घर की प्यारी दुलारी थी।
उस अंधेरी रात मैं चीखी थी,
मांँ बापू कहकर बिलखी थी।
उस भेड़ियों को तरस ना आया,
मैं बच्ची पर तरस ना आया।
मैं एक बच्ची दलित लाचारी,
लोगों के लिए अछूत थी।
मैं उस अंधेरी रात रोई
बिलखी चिखी थी।
उस मानव रूपी भेड़िए ने,
उस रात कहंर बरपाया था।
मांँ मांँ कहते कहते,
उस रात मुझे तड़पाया था।
उस काली अंधेरी रात में ,
मेरे कोमल से जिस्म में।
दानव जैसे दांत गडाया था।
उसे ज्येठ की रात मुझे,
मानवता पे सरम आया था ।
उस अंधेरी रात को चिखते हुए,
हाय माँ हाय पा कहके ,
मैने कैसे रात बिताया था।
मै भी तुम्हारी बहन बेटी हूँ,
कुछ तो मुझपे तरस करो।
मैं एक दलित बेटी हूँ,
कुछ तो खुद पे शर्म करो।
दलित होने पे तुम अछूत मानते,
बलात्कार करते कुछ नही मानते।
ये कैसे इंसान हो तुम ,
इंसान हो या हैवान हो तुम।

✍️ राजेश सिंह
बनारसी बाबू
वाराणसी (उ.प्र.)


    '  राह '

तुम्हारे हृदय की उत्सुकता
हरदम तलाशती है...।
मेरे हृदय मे अपने होने
का अहसास...।
उतर कर डूव जाना चाहता है,
मन उन अन्नत गहराइयों मैं...।
जहाँ तुम हम वसते हैं.।
और तुम उतर कर देखती हो,
मेरे हृदय में ...वही तस्वीर ।
जो तुम्हें पहली बार देखा था,
मेरे हृदय मे मुस्कराती
नजर आती है।
मेरे हृदय के स्पंदन को,
तुम कान लगाकर सुनती हो  ।
तव तुम्हेप्रिय, प्रेमालाप ही,
सुनाई देता है।
मेरी बंद आंखों में तुम,
खुद को ही पाती हो..।
मेरी झील सी गहरी,
आंखों मे डूबकर चुनती हो,
मोती प्रेम के...।
मेरे होठों को अपने होंठों से,
स्र्पश कर,खुद को मुझमें
मिलाती हो...।
तुम्हारे माथे की बिन्दी
मुझे स्नेहामंत्रण देती है
खुद मे उतर जाने के लिए।
तुम्हारे नथुने की वह गर्माहट
मुझे अहसास कराती है...
अपने होने का ...।
हृदय मे उठता अनाहद
प्रेरित करता है एक विन्दु मे
उतर जाने के लिये...।
तुम्हारे हृदय का वह अभ्यस्त से
अधिक उठाव गिराव....
मुझे प्रेरित करता है, तुम मे
खो जाने के लिये, हमेशा हमेशा
के लिये...।

  ✍️   यू.एस.बरी,
    लश्कर, ग्वालियर, म.प्र. Udaykushwah037@gmail.com

                

जीत ले जो वो दिल रहम है डॉक्टर,
चोट लग जाए तो मरहम है डॉक्टर।
सेवा धर्म ही तुम्हें महान बना दिया,
इंसान से तुम्हें भगवान बना दिया।।
जो उजाला को उजाला नहीं जाना
देकर दान नयन अंशुमान बना दिया ।
चल नहीं सकते थे इक भी पग जो कभी,
तुम पर्वतारोही अरुणिमा महान बना दिया।
जिन परिंदों के पर भी नहीं थे कभी ,
उन्हें पंख दे कर वायुयान बना दिया।
डॉ विधान चंद्र राय देकर सभी अंग दान,
इंसान से डॉक्टर को भगवान बना दिया।
तुम्हें तुम्हारा ये जन्मदिन तुम्हें मुबारक हो
आपके कार्य इंसान से भगवान बना दिया।

आप सभी को डॉक्टर्स डे की
हार्दिक शुभकामनाएं।
  
✍️ कवि धीरेंद्र सिंह नागा

चिकित्सक तुम धन्य हो

सबकी आशा पूरी करते फिर भी
ख्वाहिश दिल में कुछ न रखते हैं,
जिंदगी से हारे हुए को वापस जिंदगी
में जीतने लेकर आते हैं,
हड्डी पसली एक हुए को जोर-जोर
कर फिर से खड़ा कर पाते हैं।
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे इस
दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
जिसको जग ने बांझ कह काफी
दुख दिए रुसवाईयां दी,
उसकी ढलती उम्र में भी उम्मीद
की लौ कायम रखें।
तरह-तरह के परीक्षण कर नई
प्रणाली से गोद उनके हरे कर दें,
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे
इस दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
रूप किसी का गर दुर्घटना या जलने
से कुरूप हो जाता है,
कुरूप कोई लड़की हो अगर जन्म से
शादी नहीं हो पाता है,
ऐसे ऐसे अनेक कुरूपों का रूप
निखार नया सौंदर्य भर देते हैं।
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे इस
दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
महामारी के इस दौर में, अपने
भी पराए होते जाते हैं,
दो गज की दूरी को बीमार हो
जाने पर मीलों की बनाते हैं।
वैसे बीमारों के बीच रहकर यह
अपनी दिन रात बिताते हैं,
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे
इस दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
नेत्रहीन को जग में नेत्र
लगा रोशनी दिखाते हैं,
हृदय किसी का थक जाए तो नए
हृदय समान चालू करते हैं,
किडनी, लीवरजाने कितने अंग
प्रत्यारोपित कर नवजीवन देते हैं।
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे
इस दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।

✍️ रीता झा



मन उड़ना चाहता है शीर्षक
आज सवेरा बड़ा उदास है
उससे कहो
सतरंगी खुमार भर  लें
अपनी उदासी में
गुब्बारा बन फूल जाए
मन उड़ने का इच्छुक है
कुछ तलाश रहा है
तुम्हारे साथ कोना कोना
अपनी मनोस्थिति को
बारिश बना उड़ेलना चाहता  है
सुबह सबेरे
एक गुब्बारा तुम बनो
एक गुब्बारा में बनूं
चलो बसंती चोला पहन
आकाश की सैर करें
हम मित्र हैं
चलो उड़ चले
क्षितिज की ओर
न तुम्हें सुध हो
न मुझे
मकरंद भरा तन मन
मधुमास मनाना चाहता है
खुले आसमान तले
चुहल करना चाहता है
धरती से ऊपर उठकर
हमें देख न पाए कोई
बस हम दोनों
और हमारा , मधुमास

✍️ पूनम शर्मा,  मेरठ

लघुकथा - बारिश ✍️ भगवती सक्सेना गौड़
बैंगलोर

रुक्मिणी शाम को आफिस से स्कूटी में लौट रही थी, तभी घनघोर घटा छा गयी और लगा पूरा आसमान पानी के रुप मे बरस जाएगा। कुछ देर एक टिन शेड में इंतेज़ार किया फिर अंधेरा होने से पहले निकलना ठीक समझा। बस थोड़ी ही दूर पर देखा हर तरफ जल ने डेरा जमा लिया है। धीरे धीरे गाड़ी खींचते आगे बढ़ रही थी क्योंकि पानी मे स्टार्ट नही कर पा रही थी।
सारे कपड़े भीग गए और बदन से चिपक गए, किसी तरह आगे बढ़ते गयी। कुछ दूर से चार मनचले लड़के उसका पीछा करने लगे, उल्टी सीधी फब्तियां कसने लगे। फिर भी हिम्मत नही हारी, कदम बढ़ाते गयी। मन को किसी तरह काबू में किया। कुछ दूर पर पानी भरा तो था, पर कुछ कम लग रहा था, छोटे बच्चे जोर जोर से गाने गाकर मस्ती में कूद रहे थे(हुई हुई दबंग दबंग दबंग) रुक्मिणी को इन बच्चों को देखकर आशा की किरण नजर आयी, एक को इशारे से बुलाया, सुनो," मेरी स्कूटी में धक्का मारो, मैं स्टार्ट करती हूं, शायद चल जाये।" और पांचो बच्चो ने आकर रुक्मिणी की सहायता की। स्कूटी चल पड़ी, बारिश भी कम हो गयी थी। उसके पर्स में हमेशा टॉफी रहती थी, उसने बच्चो में बांट दी और गुनगुनाते हुए स्कूटी दौड़ा दी, "बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आंखों के तारे।"

✍️ भगवती सक्सेना गौड़
बैंगलोर

पेशे खिदमत एक ग़ज़ल

गज़ब की कवायत ग़ज़ल लिख रहा हूँ ,
उसे देख  उसकी  शकल  लिख रहा हूँ ।
गज़लकार हर  फन कहाँ आज माहिर ,
अक्ल की जियारत नक़ल लिख रहा हूँ ।
हलचल  हुई  दिल  के  दरम्यान  कोई ,
जलद छोड़कर मैं  कमल लिख रहा हूँ ।
सिसकती  जवानी   बहकती   कहानी ,
कहर झोपड़ी  पर महल  लिख रहा हूँ ।
इस  इंसान  की तो  बंधी आज  चुप्पी ,
वहम छोड़कर खुद पहल लिख रहा हूँ ।
पत्थर  हुआ   घूमता  न्याय  दर-बदर ,
अन्याय हावी पर "सजल" लिख रहा हूँ ।

✍️ रामकरण साहू "सजल"
बबेरू (बाँदा) उ०प्र०

उठो नारी

तुम्हें अब उठना होगा नारी
क्यों तू हारी, तोड़ चुप्पी अपनी
आवाज़ उठानी होगी  
बहुत सह लिया तुमने
अब नहीं सहेगी
बहुत जिया अपनों के लिए
तुम्हें अब अपने लिए भी
जीना होगा....
देखा जाएगा जो भी होगा
यह ख़ुद को सिखा री
ख़ुद को न समझ तू कमज़ोर
बिना तेरे सृष्टि का अस्तित्व
मिट्टी में मिल जाएगा
ज़ोर से कह, मचा शोर
दुर्गा भी तू , चंडी भी तू
ममता की मूरत भी तुझसे री ...
इस धोखे में न रहना तू
तेरी लाज़ बचाने को
कृष्ण बन कोई आएगा
तुझे बचाएगा
बन काली  अपनी लाज़
ख़ुद ही बचानी होगी
विश्वास कर तू सब
कुछ करने जोगी
और न बन बावरी.
रुकना नहीं, झुकना नहीं
तोड़ विवशताओं के बंधन सारे
बस आगे ही बढ़ते जाना है
अपनी मंज़िल को पाना है
  कर  ख़ुद पर  यकीन
अपने सपनों को कर नवीन
अपना सम्मान तुम्हें पाना होगा
अपना गीत गाना होगा
दूसरों के लिए ही तो
जीती रही हो अब तक
ख़ुद के लिए अब जीना होगा
देखा जाएगा जो भी होगा
क्यों तू हारी, सृष्टि की सुंदरता री
मत झुक, मत रूक
उठो नारी तुम्हें अब उठाना  होगा।

     ✍️ सपना "नम्रता"

अंक :- 49, 50, 51, 52, 53,

दिनांक :- 28 जून 2021 से 2 जुलाई 2021

दिवस :- सोमवार से शुक्रवार

एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।

शब्द सीमा - 300 - 350

इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में रचना भेजें , यहां पर आयी हुई रचनाओं में से कुछ रचनाएं को अंक - 49 कुछ रचनाएं को अंक - 50 कुछ रचनाएं को - 51, कुछ रचनाएं को 52 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 53 में प्रकाशित किया जाएगा ।

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका ) गुरुवार

साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका - मंगलवार
आ. ज्योति झा जी

आपका अपना
रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक




साहित्य संगम संस्थान पंचम वार्षिकोत्सव की पूर्व संध्या पर कुछ आवश्यक बातें राष्ट्रीय अध्यक्ष आ. राजवीर सिंह मंत्र जी 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

03 जुलाई 2021 , शनिवार ,  समारोह के मुख्य अतिथि डॉ वाचस्पति कुलवंत साहब की बायोग्राफी/जीवनी
🙏🌲🙏🌲🙏🌲🙏🌲🙏🌲🙏

https://youtu.be/c9w4OKBSxQ0

https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/599808267654096/?sfnsn=wiwspmo

आ. भूपेन्द्र कुमार भूपी जी की आहुति पुस्तक का विमोचन राष्ट्रीय अध्यक्ष आ. राजवीर सिंह मंत्र जी

https://drive.google.com/file/d/121ch1Vkz_GbXK4COz8uw1FhHcDX07jEl/view?usp=drivesdk

🌲🌹जीवेम शरद: शतम् 🌹🌲

https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/598959174405672/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/TlhELDW-cNo

https://youtu.be/Gou1g0F8RO0
काव्य मंच
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/599253511042905/?sfnsn=wiwspmo

मनाएं जश्न हम सारा जमाना झूमकर गाये - राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आ. कुमार रोहित रोज़ जी

https://youtu.be/-WFB3qTjLoA

https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/599221454379444/?sfnsn=wiwspmo

प्रिय साहित्यकारों,

https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1412411335796598/

साहित्य संगम संस्थान संयोजिका - आदरणीया संगीता मिश्रा जी
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/599250851043171/
साहित्य संगम संस्थान पंचम वार्षिकोत्सव, जोकि दिनाँक 2 जुलाई से शुरू व दिनाँक 5 जुलाई 2021 को खत्म होगा, में आप सभी को आमंत्रित करते हुए हर्षानुभूति हो रही है । कार्यक्रम सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक उक्त चारों तिथि को चालू रहेगा ।

आपकी गरिमामयी उपस्थिति की प्रतीक्षा रहेगी ।

निवेदक,

कविराज तरुण
महासचिव
साहित्य संगम संस्थान
https://youtu.be/eKXALjmExDc
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
रा. पंजी . संख्या एस 1801/2017 ( नई दिल्ली )
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के गौरवशाली पांच वर्ष (5-07-2021)

📘🙏🌷🙏📘

साहित्य संगम संस्थान
वार्षिकोत्सव
🥁🪘🎺🎹🎤

साहित्य की सौरभ से, सजा है मंच प्यारा,
सुनहरे पांच वर्षों का सजा है रंगीन नज़ारा,
" मंत्र " जी का आकर्षण है, सुरभित गुलाब है सारा,
मंच पर गुंजन है, समक्ष है संगीत का नजारा।

आज के उत्सव को नाम दिया है उत्कर्ष,
ज्योतिजी के शारदा वंदन से होगा स्पंदन,
सूर ताल से कवि गण करेंगे गुणगान,
"पंकज " भी महकेगा, मंथन का है सम्मान।

पंच परमेश्वरी मालाजी, करेगी काव्य पाठ,
राहुलजी, कुलदीपजी, बिखेरेंगे अपना ठाठ,
तेलंगाना इकाई से अनुराधाजी, हर्षिताजी,
देवीदिन जी की शुभकामनाएं, होगा 'उत्तम' का साथ।

उत्तमचंद जैन
हैदराबाद
उपाध्यक्ष तेलंगाना इकाई
९३४६२५५६९४

https://youtu.be/8b3vIvmfc5c

https://www.facebook.com/100012727929862/posts/1257255988041987/?sfnsn=wiwspmo




https://youtu.be/20RKbjrSORE

https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1411337279237337/?sfnsn=wiwspmo

साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1955216687988559/?sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/100068603509879/videos/120933290203454/

https://youtu.be/74ZKEFsCThI

आ.  सरिता सिंह जी गोरखपुर उत्तर प्रदेश
https://youtu.be/SrWRFHka38s
आ. संगीता मिश्रा जी प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान
https://youtu.be/oOMv-fm3z0U

https://youtu.be/X__Kh4u_pWo

https://youtu.be/jmF43PF0wwU
*प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान*
9. आ. राहुल मिश्रा जी , प्रदेश अध्यक्ष तेलंगाना इकाई
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=348571216694498&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/pvUxR-7qOCg

कोलफील्ड मिरर आसनसोल में प्रकाशित
10/05/2021 ,
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQfE3vhVZ6-0JptF4IuYuXrLi3EunAFNazn9N8k-e1Rfa1qfGZbYbFt_iyoplMdxyc6p4csuBagQIlWh1_Zy36mxy52i8gd8-sE9fflG8XNy5VI096SSvLJk3Sd52KeS03n0hcX0l1BMo/s2048/CFM+HINDI++++10.06.+2021+5.jpg

https://online.fliphtml5.com/axiwx/iqjc/

https://youtu.be/jmF43PF0wwU



https://coalfieldmirror.blogspot.com/2021/06/10-2021-coalfieldmirrorgmailcom.html?m=1


पश्चिम बंगाल

https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939031646273730/?sfnsn=wiwspmo

मुख्य मंच :-
https://m.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1399215700449495/?sfnsn=wiwspmo

पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1959393240904237/?sfnsn=wiwspmo





पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939470836229811/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 49 से 53
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo


https://youtu.be/-gxVYTWJQqU

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

https://youtu.be/zQNqhNv41kI

आ. अर्चना श्रीवास्तव जी साहित्य संगम संस्थान के 5 बर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मेरी ओर के छोटी-सी  प्रस्तुति🙏🌷🙏...
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/598529974448592/?sfnsn=wiwspmo

साहित्य संगम संस्थान दिल्ली
स्वर्णिम पाँच वर्ष की सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
पांच साल बेमिसाल
पंचमोत्सव की हार्दिक बधाई
साहित्य संगम संस्थान
Chhaya Saxena

Uma Mishra
Rohit Kumar
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/598349407799982/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/QclxUs5c7P0
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आ. राजेश कुमार पुरोहित जी
- साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

https://youtu.be/nxQxDu0-514
दिनांक - 02/07/2021
दिवस -  शुक्रवार
#साहित्यसंगमसंस्थान
यूट्यूब संचालक

रोशन कुमार झा
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई




साहित्य एक नज़र 🌅
अंक - 54
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/54-03072021.html

कविता :- 20(46) , शनिवार , 03/07/2021 , अंक - 54

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2046-03072021-54.html


अंक - 55
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/55-04072021.html

कविता :- 20(47) ,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2047-04072021-55.html

अंक - 56
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/56-05072021.html

कविता :- 20(48)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2048-05072021-56.html

अंक - 57
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/57-06072021.html

कविता :- 20(49)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2049-06072021-57.html

अंक - 58
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/58-06072021.html

कविता :- 20(50)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2050-07072021-58.html

अंक - 53
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html

कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html



साहित्य एक नज़र 🌅


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